X-Rays: NASA ने एक रहस्य से पर्दा उठाया है जो लंबे समय से खगोलविदों को हैरान कर रहा था. अंतरिक्ष में मिलने वाली रहस्यमयी X-Ray किरणें दरअसल उस जगह से नहीं आतीं जहां पहले सोचा गया था. NASA के IXPE (Imaging X-ray Polarimetry Explorer) टेलीस्कोप और अन्य वेधशालाओं की मदद से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ये तेज X-Ray किरणें किसी चमकते हुए accretion disk से नहीं बल्कि एक तेजी से घूमते हुए pulsar द्वारा छोड़े गए उग्र कणों की हवा (pulsar wind) से उत्पन्न होती हैं. यह खोज अब तक के स्थापित सिद्धांतों को चुनौती देती है और यह स्पष्ट करती है कि एक ही शक्तिशाली प्रक्रिया इस रेडिएशन का कारण है.
कैसे बनी यह खोज?
यह खोज एक खास प्रणाली PSR J1023+0038 (J1023) पर आधारित है जो एक तेजी से घूमता हुआ न्यूट्रॉन स्टार और उसके पास मौजूद एक छोटे तारे से बनी है. यह न्यूट्रॉन स्टार अपने साथी तारे से पदार्थ खींचता है जिससे उसके चारों ओर एक घूर्णनशील accretion disk बनती है. साथ ही यह एक pulsar की तरह व्यवहार करता है जो अपने चुम्बकीय ध्रुवों से तीव्र रेडिएशन की किरणें छोड़ता है जैसे एक प्रकाश स्तंभ.
J1023 की विशेषता यह है कि यह समय-समय पर दो अवस्थाओं में बदलता है एक सक्रिय अवस्था जब यह पदार्थ को खींचता है और दूसरी शांत अवस्था जब यह रेडियो तरंगों के रूप में पल्स भेजता है. इस तरह के पल्सर को “ट्रांज़िशनल मिलीसैकंड पल्सर” कहा जाता है.
Polarization से हुआ रहस्य उजागर
वैज्ञानिकों ने यह जानने के लिए X-Ray और ऑप्टिकल लाइट दोनों की polarization (ध्रुवीयता) का विश्लेषण किया. polarization यह दर्शाता है कि प्रकाश की तरंगें कितनी संगठित हैं. IXPE ही एकमात्र ऐसा अंतरिक्ष टेलीस्कोप है जो अंतरिक्ष में X-Ray की polarization माप सकता है. वहीं यूरोप के VLT (Very Large Telescope) ने ऑप्टिकल polarization की जानकारी दी. जब दोनों से मिले polarization एंगल एक जैसे पाए गए तो वैज्ञानिकों को यह स्पष्ट संकेत मिला कि सभी तरंगें एक ही मूल स्रोत से उत्पन्न हो रही हैं और वह है pulsar wind.
पुरानी मान्यताओं को चुनौती
इससे पहले माना जाता था कि X-Rays accretion disk से निकलती हैं लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि pulsar wind ही इसकी असली जड़ है. यह हवा गैसों, झटकों, चुम्बकीय क्षेत्रों और लगभग प्रकाश की गति से चलने वाले कणों का एक तूफानी मिश्रण होती है जो accretion disk से टकराकर X-Ray उत्पन्न करती है.
IXPE और भविष्य की संभावनाएं
NASA के Marshall Space Flight Center के वैज्ञानिक फिलिप काएरेट के अनुसार, “IXPE ने पहले भी अलग-अलग पल्सर पर काम किया है और अब यह साबित हो चुका है कि pulsar wind ही प्रमुख ऊर्जा स्रोत है.” इस नई खोज से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिल रही है कि न्यूट्रॉन तारों के चारों ओर की उग्र गतिविधियाँ ब्रह्मांड में ऊर्जा कैसे फैलाती हैं.
यह अध्ययन न केवल तारों के विकास की समझ को नया मोड़ देता है बल्कि यह भविष्य में ब्रह्मांड के और रहस्यों को उजागर करने में भी सहायक हो सकता है. IXPE जैसे मिशन अब विज्ञान को उस स्तर पर ले जा रहे हैं जहां हम ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्रों और कणों की गहराई को पहले से कहीं ज्यादा स्पष्टता से देख पा रहे हैं. यह खोज दर्शाती है कि मर चुके तारे भी ब्रह्मांड को रोशन करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं और उनकी ऊर्जा आज भी हमें चौंका रही है.
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