NEET UG 2025 एग्जाम इंदौर और उज्जैन के सेंटर्स पर दोबारा कराने की मांग अब सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाएगी। अदालत ने इस संबंध में दर्ज पिटीशन पर सुनवाई की मांग मान ली है। अगले सप्ताह इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई करेगी। एमपी हाईकोर्ट ने रीएग्जाम की मांग खारिज की थी 14 जुलाई को एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने रीएग्जाम की मांग वाली याचिका खारिज की थी। इसके बाद NTA ने उन 75 स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी कर दिया था जिनका रिजल्ट रोका गया था। अब याचिकाकर्ता इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। एमपी हाईकोर्ट ने ही रिजल्ट रोकने का आदेश दिया था दरअसल, इस साल NEET UG परीक्षा 4 मई को देशभर के 552 एग्जाम सेंटर्स पर आयोजित हुई थी। परीक्षा के बाद इंदौर के एक एग्जाम सेंटर के बच्चों ने शिकायत की कि परीक्षा के दौरान आंधी- तूफान से आने से लाइट चली गई जिससे उन्हें अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी। इससे उनका पेपर खराब हो गया। स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट से अपील की कि उनके सेंटर के लिए NEET का पेपर दोबारा कराया जाए। एमपी हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने NTA को इन 75 स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोककर बाकी स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया। NTA ने 14 जून को परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट में 3 जजों की बेंच ने इन स्टूडेंट्स के लिए रीएग्जाम कराने का आदेश कराने से इनकार कर दिया। हालांकि, NTA को कहा कि भविष्य में ऐसा न हो। अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बैकअप का इंतजाम नहीं तो मोमबत्ती जलाई याचिका दायर करने वाले कैंडिडेट्स ने बताया कि उनका एग्जाम सेंटर PM श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 था, जहां 4 मई को वो दोपहर 2 से शाम के 5 बजे की शिफ्ट में एग्जाम देने पहुंचे थे। इस बीच तेज बारिश और आंधी के चलते करीब 3:30 बजे बिजली चली गई। सेंटर पर कोई बैकअप नहीं था और कमरे में अंधेरा हो गया। कैंडिडेट्स को इस स्थिति में ही एग्जाम देना पड़ा। करीब 4:30 बजे सेंटर पर मोमबत्तियां जलाई गईं। याचिका में मांग की है कि या तो प्रभावित कैंडिडेट्स का री-एग्जाम हो या उनके फेयर इवैल्यूएशन के लिए कोर्ट कोई दूसरी रेमेडी सुझाए। पहली बार सरकारी स्कूलों को सेंटर बनाया NTA के लिए यह पहला मौका था जब सरकारी स्कूलों को NEET UG का एग्जाम सेंटर बनाया गया था जहां पावर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। दरअसल, पिछले साल यानी 2024 में NEET UG एग्जाम को लेकर हुए विवाद के बाद इस साल सरकारी स्कूलों को सेंटर बनाया गया था। इससे पहले प्राइवेट स्कूलों और कंप्यूटर लैब्स को एग्जाम सेंटर बनाया जाता था। ———————- ये खबरें भी पढ़ें… अकबर ‘क्रूर लेकिन सहिष्णु’, औरंगजेब ‘कट्टर धार्मिक’: NCERT की किताब में मुगल काल की नई समीक्षा; कक्षा 8 के सिलेबस में शामिल हुआ “अकबर का शासन क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण था, जबकि औरंगजेब एक सैन्य शासक था जिसने गैर-इस्लामी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया और गैर-मुसलमानों पर टैक्स लगाया।” मुगल काल की ये नई समीक्षा NCERT की कक्षा 8 की किताब में शामिल की गई है। पूरी खबर पढ़ें…
NEET UG रीएग्जाम पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी:एमपी हाईकोर्ट ने मांग खारिज की थी; 21 जुलाई से कांउसलिंग होनी है
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