Pakistani Citizen: पहलगाम हमले के बाद देश से निकाली गई पाकिस्तानी महिला को मिलेगा विजिटर वीजा: गृह मंत्रालय

by Carbonmedia
()

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने शुक्रवार (1 अगस्त 2025)  को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने पाकिस्तानी नागरिक रक्षंदा राशिद को आगंतुक वीजा देने का फैसला किया है.पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को देश से निष्कासित कर दिया गया था. इस फैसले के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिक रक्षंदा राशिद को जम्मू से निष्कासित कर दिया गया था जिसके बाद अदालत ने महिला की तरफ से भारत लौटने की अनुमति मांगने वाली याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि गृह मंत्रालय का यह आदेश किसी प्रकार की मिसाल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
रक्षंदा राशिद ने 35 साल पहले जम्मू में भारतीय नागरिक शेख जहूर अहमद से विवाह किया था. उन्हें उन पाकिस्तानी नागरिकों की सूची में शामिल कर देश से निकाला गया जिन्हें सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई थी) के बाद वापस भेजने का फैसला किया था.सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गृह मंत्रालय की ओर से अदालत को बताया कि ‘‘इस मामले की विशिष्ट परिस्थितियों को देखते हुए, मंत्रालय ने विचार-विमर्श के बाद उन्हें आगंतुक वीजा देने का निर्णय लिया है.
मुख्य न्यायाधीश का आदेशमुख्य न्यायाधीश अरुण पाली और न्यायमूर्ति रजनीश ओसवाल की खंडपीठ ने इस वक्तव्य को आदेश में दर्ज किया.न्यायालय ने यह भी कहा कि रक्षंदा राशिद भारतीय नागरिकता और दीर्घकालिक वीजा (LTV) के लिए दायर अपनी दोनों याचिकाओं को आगे बढ़ा सकती हैं.न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल की दलीलों को दर्ज करते हुए कहा कि एक बार सक्षम प्राधिकरण की तरफ से सही फैसला ले लिया गया है तो अपेक्षित औपचारिकताओं की भरपाई के बाद उन्हें जल्द ही आगंतुक वीजा जारी कर दिया जाएगा. न्यायालय ने निर्वासन से राहत मांगने वाली राशिद की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि स्वाभाविक रूप में, विवादित अंतरिम आदेश अपनी प्रासंगिकता खो देता है और इसके साथ ही अंतरिम आदेश भी स्वतः अमान्य हो गया.
तुषार मेहता ने सुनवाई को स्थगित करने पर दिया जोरतुषार मेहता ने 22 जुलाई को अदालत से अनुरोध किया था कि वे सुनवाई को स्थगित करें ताकि यह देखा जा सके कि रक्षंदा राशिद की कोई मदद की जा सकती है या नहीं.रक्षंदा के वकील अंकुर शर्मा और हिमानी खजुरिया ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल इस प्रक्रिया से सहमत हैं.न्यायमूर्ति राहुल भारती की एकल पीठ ने छह जून को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि राशिद को भारत ‘वापस’ लाया जाए.
न्यायमूर्ति भारती का बयानआदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति भारती ने कहा, ‘यह अदालत इस पृष्ठभूमि संदर्भ को ध्यान में रख रही है कि याचिकाकर्ता के पास प्रासंगिक समय पर दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) था, जो उसके निर्वासन को उचित नहीं ठहरा सकती थी लेकिन उसके मामले की बेहतर परिप्रेक्ष्य में जांच किए बिना और संबंधित अधिकारियों से उसके निर्वासन के संबंध में उचित आदेश लिए बिना, उसे निर्वासन के लिए मजबूर किया गया.’उन्हें 28 अप्रैल को आप्रवासन और विदेशी नागरिक अधिनियम, 1946 की धारा 3(1), 7(1) और 2(ग) के तहत ‘भारत छोड़ने’ का नोटिस जारी किया गया था जिसमें 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था.
रक्षंदा राशिद का सुप्रीम कोर्ट का रुखरक्षंदा राशिद ने उच्च न्यायालय का रुख कर इस आदेश पर अंतरिम रोक की मांग की थी लेकिन इसके बाद उन्हें ‘एग्जिट परमिट’ जारी कर अमृतसर के अटारी-वाघा सीमा तक पहुंचाया गया जहां से उन्होंने पाकिस्तान में प्रवेश किया.जम्मू के तालाब खटिकन इलाके की निवासी राशिद के चार बच्चे अब भी जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं.इस्लामाबाद के नामुद्दीन रोड निवासी मोहम्मद राशिद की पुत्री रक्षंदा 10 फरवरी, 1990 को 14 दिवसीय आगंतुक वीजा पर जम्मू आई थीं.बाद में उन्हें प्रतिवर्ष नवीनीकृत किए जाने वाले दीर्घकालिक वीजा पर भारत में रहने की अनुमति दी गई थी. अपने प्रवास के दौरान, उसने बताया किया कि उसने एक भारतीय नागरिक से विवाह किया है.
पति ने न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता जताईन्यायालय के अनुसार, “यह विवादित नहीं है कि उनका एलटीवी 13 जनवरी 2025 तक वैध था और उन्होंने चार जनवरी 2025 को इसके विस्तार के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोई विस्तार नहीं दिया गया.”उनके पति ने न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता जताई और कहा कि हम राहत महसूस कर रहे हैं. पूरा परिवार तनाव में था. हम सरकार के उस फैसले (रक्षंदा के निर्वासन) के कारण परेशान थे.
ये भी पढ़ें: तेजस्वी यादव के वोटर लिस्ट में नाम न होने के दावे पर बीजेपी बोली- ‘SIR का मकसद ही फर्जी…’

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment