पंचकूला में बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा चल रही है. इस बीच पंचकूला में एक ही परिवार के सात लोगों की आत्महत्या के मामले में पुलिस से सवाल किया गया कि क्या ये परिवार इस कथा में शामिल होने गया था. पुलिस ने इससे इनकार कर दिया.
पंचकूला के डीसीपी क्राइम अमित दहिया ने कथा से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, “नहीं, ऐसा नहीं है. क्योंकि कुछ सीसीटीवी फुटेज मेरे पास आई हैं, पौने सात बजे की हैं और सेक्टर 27 के अंदर फुजेट के अंदर गाड़ी खड़ी हुई दिखाई दी है. ये रात तक खड़ी हुई है जब तक हमारी ईआरवी नहीं पहुंची है.”
इस केस में सबसे महत्वपूर्ण एंगल फाइनेंस का है- पुलिस
डीसीपी अमित दहिया ने कहा कि इस केस में सबसे महत्वपूर्ण एंगल फाइनेंस का है. दूसरा सोशल मीडिया अकाउंट्स सबके वेरिफाई किए जा रहे हैं और ये पता लगाया जाएगा कि किस तरह की ये लोग गतिविधियां करते थे. तीसरा सीसीटीवी फुटेज को वेरिफाई किया जा रहा है कि गाड़ी कहां से आई, कैसे आई. कुछ सीसीटीवी फुटेज हम लोगों को मिले भी हैं.
गाड़ी के अंदर से कुछ खाने के सामान मिला- पुलिस
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हम ये भी जांच कर रहे हैं कि इन लोगों का व्यक्तित्व कैसा था. आखिर ऐसी क्या परिस्थिति बनी कि पूरे परिवार ने सुसाइड कर लिया, इसकी भी जांच कर रहे हैं. फॉरेंसिक टीम को गाड़ी के अंदर से उल्टी और कुछ खाने का सामान मिला है, उसकी भी अलग से जांच करवाई जा रही है.
सुसाइड नोट में हैंडराइटिंग की जांच
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आखिरी एंगल हैंडराइटिंग की है. जो हैंडराइटिंग हमें सुसाइट नोट के ऊपर मिली है, उसको हम अपनी फॉरेंसिक टीम से वेरिफाई करवा रहे हैं कि ये किसने लिखा है? उन्होंने बताया कि अभी हमें जो सुसाइट नोट मिला है उसमें प्रथम दृष्टया पता चलता है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. कर्ज के एंगल को लेते हुए पुलिस ने अलग-अलग एंगल पर 360 डिग्री जांच शुरू कर दी है.