Pandharpur Wari Yatra 2025: महाराष्ट्र में संत तुकाराम महाराज की पंढरपुर यात्रा को लेकर भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है. संत तुकाराम महाराज की 340वीं आषाढ़ी वारी की पालकी यात्रा बुधवार (18 जून) को पंढरपुर के लिए रवाना हो गई है. इस प्रमुख उत्सव का मुख्य जुलूस पुणे जिले के देहू और आलंदी से शुरू हुआ. यह 6 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर सोलापुर के पंढरपुर में समाप्त होगा.
हर साल पंढरपुर की वारी यात्रा, जिसमें लाखों भक्त संत तुकाराम और संत ज्ञानोबा की चरण पादुकाएं लेकर देहू से पंढरपुर तक पैदल यात्रा करते हैं. इस यात्रा में महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से लाखों वारकरी पहुंचे हैं.
यह यात्रा प्रदेश की ऐतिहासिक परंपरा का हिस्सा है, जो संत तुकाराम महाराज की आस्था, लोकप्रियता और भक्तिभाव का प्रतीक है. पंढरपुर वारी कहलाने वाली यह यात्रा भगवान विट्ठल के सम्मान में सदियों पुरानी तीर्थयात्रा है, जो भगवान विष्णु के पूजनीय रूप हैं.
यात्रा के मद्देनजर पुणे में ट्रैफिक रूट में बदलाव
पंढरपुर वारी यात्रा के मद्देनजर पुणे ट्रैफिक पुलिस ने यातायात परिवर्तन की घोषणा की है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक आलंदी रोड भारी वाहनों के लिए बंद है. चिम्बली फाटा-पंजरपोल और अलंकापुरम चौक से डायवर्ट किया गया है. चिम्बली से आलंदी रोड बंद है. जय गणेश साम्राज्य चौक, अलंकापुरम चौक, भोसारी चौक-मैगज़ीन चौक वडगांव घेनंद से आलंदी रोड का इस्तेमाल करने की बात कही गई है.
इसके साथ ही वडगांव घेनंद से आलंदी रोड बंद किया गया है. कोयली-मरकलगांव का इस्तेमाल करने की बात कही गई है. वहीं, मार्कल से आलंदी रोड बंद किया गया है. धनोर फाटा-चारहोली फाटा-मैगजीन चौक या अलंकापुरम चौक के इस्तेमाल की बात कही गई है. भारतमाता चौक-आलंदी रोड बंद किया गया है. भारतमाता चौक-मोशी चौक-पंजरपोल चौक और अलंकापुरम चौक का इस्तेमाल किया जा सकता है.
20 जून को रात 9 बजे तक लागू रहेगा बदलाव
मोशी-आलंदी रोड को क्लोज किया गया है. यहां मोशी-चाकन-शिक्रापुर का लोग इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा विश्रांतवाड़ी-आलंदी रोड बंद है.- पुणे-बोपखेल फाटा, दिघी-अलंकापुरम-चारहोली-मार्कल रूट का इस्तेमाल किया जा सकता है. पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के मुताबिक, बुधवार दोपहर से शुरू हुआ ये बदलाव 20 जून को रात 9 बजे तक लागू रहेगा. इस समय तक पालकी यात्रा जिले को पार करेगी.
पंढरपुर वारी क्या है?
पंढरपुर वारी आस्था का एक भव्य यात्रा है, जहां वारकरी यानी भक्त लगभग 20 दिनों पैदल चलते हैं और 250 किलोमीटर से ज्यादा की पैदल यात्रा करते हैं. रास्ते में भक्ति गीत गाते हैं, कीर्तन करते हैं, और आध्यात्मिक चिंतन में डूब जाते हैं.
Pandharpur Wari 2025: संत तुकाराम की पालकी यात्रा को लेकर भक्तों में उत्साह, ट्रैफिक रूट में कहां-कहां बदलाव?
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