Period Problem in Girl: 17 साल में भी लड़की के नहीं शुरू हुए पीरियड, टेस्ट कराया तो अंदर से निकली ‘लड़का’; जानें कितना रेयर है यह मामला?

by Carbonmedia
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Period Problem in Girl: एक लड़की जो खुद को हमेशा से लड़की मानती रही हो, अचानक डॉक्टर से यह सुनने को मिले कि, आपके अंदर असल में पुरुष क्रोमोसोम मौजूद है. सुनने में अजीब लगता है? लेकिन यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि असल जिंदगी का मामला है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में 17 साल की एक लड़की के साथ ऐसा ही हुआ है. जैसे ही इस लड़की के पीरियड्स नहीं आए, तो उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया. इसके बाद पता चला कि, ये बाहर से लड़की है, लेकिन अंदर से लड़का.
डॉक्टरों ने बताया कि यह स्थिति Androgen Insensitivity Syndrome (AIS) कहलाती है. यह एक ऐसी दिक्कत है, जिससे बच्चा XY chromosome लेकर पैदा होता है. लेकिन शरीर androgen hormone के लिए रिस्पॉन्ड नहीं कर पाता.
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एंड्रोजन इंसेंसिटिविटी सिंड्रोम क्या है?
इसमें XY chromosome वाला बच्चा गर्भ में रहते हुए लड़का बनता है, लेकिन शरीर androgen hormones को अंदर ही अंदर बंद कर देता है. ऐसे बच्चे बाहर से पूरी तरह लड़की जैसे लगते हैं, लेकिन उन्हें कभी पीरियड्स नहीं आते.
लक्षण कैसे दिखते हैं

15 या 16 साल की उम्र तक पीरियड्स शुरू न होना
लंबे वक्त तक मासिक धर्म का न आना
गर्भाशय या अंडाशय का पूरी तरह न बनना
शरीर पर बाल कम होना और कद लंबा होना
बाहर से लड़की जैसी बॉडी दिखना, लेकिन अंदर से लड़का होना

यह कितना रेयर केस है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह स्थिति 99,000 जन्मों में से 1 बच्चे में देखने को मिलती है. यानी यह बेहद रेयर है. कई बार परिवारों को सालों तक पता ही नहीं चलता कि बच्चा Androgen Insensitivity Syndrome से जूझ रहा है.
डॉक्टर की सलाह और इलाज

अगर किसी लड़की को पीरियड्स नहीं आते तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए
डॉक्टर genetic test, hormone test और ultrasound के जरिए जांच करते हैं
ऐसे मामलों में अक्सर सर्जरी या हार्मोन थेरेपी की मदद ली जाती है

हमारे समाज में अक्सर ऐसे मामलों को छुपा लिया जाता है, या फिर बच्चा ताने और शर्मिंदगी का शिकार हो जाता है. लेकिन सच्चाई यह है कि यह कोई गलती नहीं, बल्कि एक कंडीशन है, जो किसी के भी साथ हो सकती है. हमें जरूरत है ऐसे बच्चों को सपोर्ट करने की.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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