प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अगले सप्ताह एक दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर जाएंगे. यह दौरा पहले पिछले सप्ताह होना था, लेकिन प्रधानमंत्री की अन्य व्यस्तताओं के कारण इसे रद्द कर दिया गया था. जम्मू-कश्मीर बीजेपी महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने PM के दौरे की पुष्टि की है.
अशोक कौल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का दौरा नवरात्रि के दौरान होगा और अंतिम तिथि पर विचार किया जा रहा है. पीएम जम्मू संभाग और घाटी दोनों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. 22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि उत्सव के दौरान उनके दौरे की उम्मीद है.
आपदा प्रभावितों के लिए हो सकती है राहत पैकेज की घोषणा
सूत्रों ने यह भी बताया कि अपने दौरे के दौरान, पीएम मोदी केंद्र शासित प्रदेश की प्रभावित आबादी के लिए एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा कर सकते हैं. प्रधानमंत्री का यह दौरा एक दिवसीय होने की उम्मीद है, इस दौरान वह बादल फटने, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेंगे.
आपदा पीड़ितों से मिल सकते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री के प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित निवासियों से भी मिलने की संभावना है. केंद्र सरकार की एक उच्च-स्तरीय टीम, विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में, नुकसान का व्यापक आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ जाएगी. सूत्रों ने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी शामिल है.
अमित शाह भी जम्मू दौरे पर गए थे
इस दौरे और आकलन के निष्कर्षों के आधार पर, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रशासित प्रदेश के लिए एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा किए जाने की उम्मीद है. इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू का दौरा किया था. एक केंद्रीय टीम ने जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश से हुए नुकसान का प्रारंभिक आकलन पूरा कर लिया है.
जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ से हुई भारी तबाही
जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ आई थी, जिसका जम्मू संभाग और घाटी दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था. जम्मू संभाग को प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा था. 14 अगस्त को बादल फटने से किश्तवाड़ जिले में 67 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर माता मचैल देवी यात्रा के तीर्थयात्री थे, और 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे.
32 तीर्थयात्रियों की हुई थी मौत
26 अगस्त को, श्री माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल के 32 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जब तीर्थस्थल के मार्ग पर स्थित एक आश्रय स्थल लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया. यह भूस्खलन उस समय हुआ जब यात्रा आधिकारिक रूप से स्थगित थी और ज्यादातर तीर्थयात्री कटरा आधार शिविर लौट चुके थे, लेकिन कई तीर्थयात्रियों ने आश्रय लिया था, जो भूस्खलन की चपेट में आ गए.
PM मोदी करेंगे जम्मू कश्मीर का दौरा, बाढ़ और लैंडस्लाइड से हुए नुकसान का लेंगे जायजा
11