देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का असर देखने को मिल रहा है. पंजाब के कपूरथला जिले में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. ब्यास नदी भी उफान पर है. सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्रों की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि चार से पांच फीट पानी में डूब गई. इसके चलते किसानों को भारी नुकसान का खतरा है, वहीं प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटा हुआ है.
बाढ़ से खेती और गांव प्रभावित
पिछले कई दिनों से पंजाब और पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है. कपूरथला के अलावा होशियारपुर, फाजिल्का, फिरोजपुर और तरनतारन जिलों के गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
भारी बारिश के कारण काफी ज्यादा नुकसान की खबरें भी सामने आई हैं. सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई, वहीं किसानों को पिछले साल जैसी तबाही की आशंका सता रही है. नदियां और नाले उफान पर हैं. कृषि भूमि डूबने से किसान भारी नुकसान की बात कह रहे हैं. उनका अनुमान है कि इस बार भी फसल हानि 2023 जैसी गंभीर हो सकती है.
प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
जिला प्रशासन की टीमें प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रही हैं. प्रशासन ने विस्थापित लोगों के लिए रहने, खाने, साफ पीने का पानी, दवाइयां और पशुओं के चारे की व्यवस्था करने का दावा किया है. कई स्थानों पर राहत शिविर बनाए गए हैं. दवाइयों व भोजन की व्यवस्था भी की गई है. इसके अलावा निगरानी टीमें 24 घंटे सक्रिय है.
चंडीगढ़ में पंजाब जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने मंगलवार को वर्चुअल बैठक कर हालात की समीक्षा की. उन्होंने सभी डिप्टी कमिश्नरों को आदेश दिए कि नदी किनारे चौकसी चौबीसों घंटे जारी रखी जाए.
मंत्री के निर्देश और आगे की स्थिति
गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पर्याप्त राहत शिविर स्थापित किए जाएं, जहां भोजन, चिकित्सीय सहायता और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हों. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हो रही तेज बारिश ने पंजाब की नदियों में पानी का स्तर और बढ़ा दिया है, जिससे सतर्कता जरूरी है.
Punjab: कपूरथला में बाढ़ से बिगड़े हालात, ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा, उड़ी किसानों के रातों की नींद!
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