Bihar Raghopur bridge: बिहार के राघोपुर के लिए आज (23 जून) एक ऐतिहासिक दिन है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पटना के कच्ची दरगाह से राघोपुर होते हुए बिदुपुर तक जाने वाले 9.76 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन पुल का उद्घाटन करेंगे. यह पुल राघोपुर के दियारा क्षेत्र के लिए बनाया गया है, जो सालों से आवागमन की समस्याओं से जूझ रहे थे. पहले चरण में यह पुल राघोपुर तक शुरू होगा. अगले 3 महीनों में बिदुपुर तक का काम पूरा हो जाएगा.
गंगा के बीच एक टापू जैसा इलाका
राघोपुर, गंगा नदी के बीच एक टापू जैसा क्षेत्र है. जहां 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी दियारा में रहती है. यहां के लोग आने जाने के लिए नाव पर ही निर्भर रहे हैं. साल 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने पीपा पुल की सौगात दी थी, लेकिन यह केवल 6 महीने तक ही उपयोगी रहता था. गंगा का जलस्तर बढ़ने पर नाव ही एकमात्र सहारा थी. पक्के पुल की मांग को लेकर 2010 में राघोपुर वासियों ने राबड़ी देवी को हराकर स्थानीय नेता सतीश कुमार को चुना था.
पुल बनने में लगा 9 साल का समय
सतीश कुमार की मांग पर नीतीश कुमार ने 2015 में इस पुल के निर्माण को मंजूरी दी. अगस्त 2015 में शिलान्यास हुआ और नवंबर 2015 में महागठबंधन सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव ने राघोपुर में एक बड़े कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की.
करीब 9 साल बाद, आज यह सपना साकार हो रहा है. यह 19 किलोमीटर की सड़क परियोजना है, जिसमें 9.76 किलोमीटर का एक्स्ट्रा डोज़्ड केबल स्टे ब्रिज शामिल है. इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है.
क्षेत्र का होगा आर्थिक विकास
इस पुल के निर्माण में एशियन डेवलपमेंट बैंक से 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है. वहीं राज्य सरकार के 2,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह पुल न केवल राघोपुर, बल्कि पटना, बिदुपुर और वैशाली को जोड़ेगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
Raghopur Bridge: 9 साल और दो सरकारों बाद, राघोपुर को मिला नया पुल, CM नीतीश कुमार आज करेंगे उद्घाटन
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