राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव में दो ऐतिहासिक छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर हुए विवाद और पत्थरबाजी की घटना पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने अराजक तत्वों को चेताते हुए कहा कि सामाजिक अस्मिता पर हमला करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
एक कंकड़ भी सामाजिक अस्मिता पर हमला- शेखावत
शेखावत ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि जुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा और हदूद पालीवाल समाज की गौरवशाली विभूतियां हैं. उनके नाम पर निर्मित छतरियां केवल स्थापत्य नहीं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा स्थल हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अराजक तत्व याद रखें, पत्थरबाजी तो क्या, एक कंकड़ भी सामाजिक अस्मिता पर हमला है. समाज में शांति बनाए रखना आवश्यक है, न कि समुदायों को बांटने वाली हरकतें.”
उन्होंने बासनपीर गांव में श्रद्धेय विभूतियों की स्मृति में बनाए जा रहे स्मारकों के कार्य में बाधा डालने की कोशिश को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. शेखावत ने कहा कि ऐसे कृत्य न केवल सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती हैं.
हंगामें में दो लोग हुए थे घायल
गौरतलब है कि गुरुवार को बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण स्थल पर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था. विवाद ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया और कथित तौर पर एक समुदाय विशेष के लोगों ने निर्माण स्थल पर पथराव कर दिया. इस घटना में जुझार संघर्ष समिति के सदस्य गणपत सिंह नोडियाला घायल हो गए, जबकि बीच-बचाव कर रहे एक पुलिसकर्मी को भी चोटें आईं.
इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. स्थानीय संगठनों ने प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं, प्रशासन ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
Rajasthan: जैसलमेर छतरी विवाद पर गजेंद्र सिंह शेखावत की चेतावनी, ‘पत्थर नहीं, एक कंकड़ भी…’
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