पर्वतीय पर्यटक स्थल माउन्ट आबू में सार्वजनिक क्षेत्र में शराब पीने और उत्पात मचाने के आरोप में पुलिस ने 14 कों लोगो कों गिरफ्तार किया है.दरअसल यह सख्ती तब देखने कों मिली ज़ब कुछ दिन पूर्व हीं एक पर्यटक कि आबूरोड़ से माउन्ट – आबू रास्ते पऱ दिन दहाड़े पर्यटक हत्या कर दी जाती है.
लम्बे समय बाद माउंट आबू पुलिस का बदमाशों के विरुद्ध यह एक्शन देखने को मिला है. अब पर्वतीय पर्यटन स्थल पर असामाजिक तत्वों व खुले स्थान पर नशा करने वाले लोगों पर पुलिस नकेल कस रही है. सबसे बड़ा सवाल यह कि पुलिस की यह कार्रवाई नियमित होंगी या महज साख बचाने के लिये खानापूर्ति बनकर रह जाएगी यह तो निकट भविष्य में हीं पता चल पायेगा.
कई सवाल करता है खड़ा
आबूरोड़ से माउन्ट आबू के लिए एक हीं मुख्य सड़क मार्ग है. जिस पर होकर माउंट-आबू पर्यटक जाते है. आबूरोड़ सिटी से माउन्ट कि दूरी करीब 23 किलोमीटर है. इस 23 किलोमीटर के भीतर तीन थाने और दो पुलिस चौकी स्थित है. हालांकि अस्थाई ट्रैफ़िक पॉइंट के अलावा यह सबकुछ होने के बाद भी माउन्ट -आबूरोड़ सड़क मार्ग पऱ गत दिनों दिन के उजाले में सरेआम गुजरात राज्य के एक 23 वर्षीय पर्यटक कि चाकू घोप कर हत्या कर दी जाती है, जों कई सवाल खड़े करता है.
गजब व्यवस्था जिम्मेदार बेखबर
हैरत की बात यह तलहटी ट्रैफ़िक चौकी पऱ तय पोस्ट के विपरीत सात कार्मिकों की लिखित व मौखिक आदेश पऱ तैनाती कर रखी है. और उतने ही करीब छिबाबेरी पुलिस चौकी पर भी. फिर भी यह आलम है. सवाल यह उठता है कि गुजरात नंबर की हर गाड़ी कों पुलिस द्वारा रोकर चेक किया जाता है. फिर दुपहिया वाहनों की सघन चेकिंग से पुलिस को परहेज क्यों है.? जों कई सवाल भी खड़े कर रहा है. क्या वास्तव में चेकिंग होकर कोई कार्रवाई हो रही या कोई खेल चल रहा है. इसपर सिरोही पुलिस अधीक्षक को विशेष निगाहें बनाकर रखनी होंगी.
पुलिस कि कार्यशैली पर उठे सवाल
दिन दहाड़े हों रहीं लूट हत्या कि घटनाओ के बाद पुलिस कि कार्यशैली पऱ गंभीर प्रश्न वाचक चिन्ह लगा है. बदमाश जिले में कितने बेखौफ है. ज़ब मर्जी हों तब वारदात कों अंजाम देने में सफल हों रहें है. 9 अगस्त कों भी पिण्डवाड़ा थाना क्षेत्र में एक शख्स के साथ लूट कि वारदात सामने आई है जिसकी लिखित रिपोर्ट पीड़ित ने थाने में दी है. बदमाशों के हौसले बुलंद है. आमजन व पर्यटक दहशत में देखे जा रहें है.
बेखौफ बदमाश लचर क़ानून व्यवस्था
आए दिन जिले में हो रही लूट की वारदातों ने कहीं गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस लचर कानून व्यवस्था के चलते लोग भयभीत होकर जीने को मजबूर है. जैसे ही शाम ढल जाती है उनका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. न जाने कब कौन सी आफत उनके लिए जानलेवा साबित हो जाए. लेकिन जिनके जिम्मे कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी है. उन्हें इसको लेकर कोई सरोकार नहीं. सूबे के मुखिया और पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को सिरोही जिले की इस कानून व्यवस्था को लेकर चिंतन करना होगा. नहीं तो निकट भविष्य में इसके और घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते है.
Rajasthan: माउंट आबू में पर्यटक की हत्या के बाद सख्ती, पुलिस ने 14 लोगों को दबोचा
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