RSS और लेफ्ट एक जैसे… राहुल गांधी के बयान पर इंडिया गठबंधन की बैठक में वाम दलों ने जताई आपत्ति

by Carbonmedia
()

CPIM on Rahul Gandhi: INDIA गठबंधन की शनिवार को वर्चुअल बैठक हुई.इसमें विपक्षी दलों ने संसद के मानसून सत्र से पहले कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और साझा रणनीति बनाई. इस बैठक में 24 राजनीतिक दलों ने भाग लिया. बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही, जिसमें उन्होंने केरल में माकपा (सीपीआईएम) की तुलना आरएसएस से की थी. इस पर वामपंथी दलों ने कड़ा ऐतराज जताया.
राहुल गांधी की टिप्पणी पर वामपंथी दलों की आपत्तिबैठक में भले ही राहुल गांधी का नाम सीधे तौर पर न लिया गया हो, लेकिन सीपीआई (CPI) महासचिव डी. राजा ने इस बयान पर नाराज़गी जताई. उन्होंने कहा कि जब INDIA गठबंधन की शुरुआत हुई थी, तो हमारा नारा था – ‘देश बचाओ, बीजेपी हटाओ.’ ऐसे में किसी भी सहयोगी दल के खिलाफ ऐसा बयान नहीं आना चाहिए जो आपसी रिश्तों में तनाव पैदा करे. उन्होंने कहा कि वामपंथ की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से करना बिल्कुल गलत है.इसके अलावा, सूत्रों से मिली एक और जानकरी के मुताबिक़ बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी बिखराव का फायदा सत्ता पक्ष उठा सकता है, इसलिए हमको एकजुट रहकर सरकार से सवाल करने हैं और प्रधानमंत्री से जवाब लेना है. हमें पहले मिलकर मुद्दों की प्राथमिकता तय करके संसद में एकजुट दिखना चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?राहुल गांधी ने हाल ही में केरल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि “सीपीआईएम और आरएसएस, दोनों में जनता के प्रति संवेदनशीलता की कमी है.” इस बयान से वामपंथी नेताओं में असंतोष फैल गया, क्योंकि केरल में कांग्रेस और वाम दल आमने-सामने की राजनीति करते हैं.
SIR नीति के खिलाफ विपक्ष की रैली की योजनाबैठक में ‘विशेष औद्योगिक क्षेत्र’ (SIR) से जुड़ी नीतियों पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष इन नीतियों का विरोध करने और केंद्र सरकार की आर्थिक नीति के खिलाफ एक बड़ी सार्वजनिक रैली आयोजित करने की योजना बना रहा है.यह रैली विपक्षी एकता का प्रदर्शन होगी और किसानों, मज़दूरों व आम जनता के हितों को लेकर सरकार पर दबाव बनाएगी.
जयराम रमेश ने दी जानकारीकांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि यह कई हफ्तों बाद INDIA गठबंधन की पहली समन्वित बैठक है. इसमें 24 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया और संसद सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विचार किया गया.
एकता का संदेश देने की कोशिशहालांकि कुछ मतभेद सामने आए हैं, लेकिन विपक्षी दलों ने मानसून सत्र से पहले एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है. सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई कि बीजेपी और केंद्र सरकार की नीतियों का मुकाबला केवल मिलकर ही किया जा सकता है. 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment