RSS नेता रामलाल बोले- ‘जो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए उन्हें जनता ने सिखाया सबक’

by Carbonmedia
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Ghazipur News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष में गाजीपुर जनपद में शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण शिविर पिछले 15 दिनों से चल रहा था. आज उसी शिक्षा वर्ग प्रशिक्षण शिविर का समापन कार्यक्रम हुआ. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज रहे तो वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क प्रमुख रामलाल इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में शिक्षा वर्ग प्रशिक्षण शिविर में 15 दिनों में प्राप्त किए हुए प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया गया. वहीं संपर्क प्रमुख रामलाल के द्वारा मौजूदा समय में जातिवाद की राजनीति पर करारा प्रहार करते हुए आरएसएस के संघ से लोगों को सीखने की सलाह दिया.


उन्होंने कहा कि आज देश में जातिवाद है, प्रांत वाद है, भाषावाद है, इसलिए झगड़ा हैं. साउथ इंडिया से भी कई बार आवाज उठाती है और इसको लेकर झगड़े होते हैं लेकिन भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषा है. यह झगड़ा आपको बाहर दिखाई देगा लेकिन संघ के अंदर यह लड़ाई आपको नहीं दिखाई देगी.


’स्वयं सेवक नहीं लगाता अपना सरनेम'
उन्होंने कहा कि, आरएसएस में हर स्वयंसेवक अपना सरनेम नहीं लगता और संघ में सभी जाति और बिरादरी और भाषा के मानने वाले लोग हैं. बाहर लोग छुआ छूत और अन्य बातें करते हैं लेकिन संघ में यह सब आपको कभी नहीं देखने को मिलेगा. संघ में आज जो व्यक्ति भोजन परोसेगा कल दूसरा परोसेगा परसों तीसरा परोसेगा, लेकिन किसी को पता नहीं चलेगा कि कल किस जाति और बिरादरी के स्वयंसेवक ने भोजन परोसा था.


जो प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए उन्हें जनता ने सिखाय सबक
संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि लोग हमारे विरोधी हो सकते हैं, हम किसी के विरोधी नहीं, अपने विरोधी को भी निमंत्रण भेजते हैं. सभी राजनीतिक दलों से मिलना जुलना करते हैं. आगे कहा कि राम जन्म भूमि की जब प्राण प्रतिष्ठा हुई तब न्यास की ओर से सभी को बुलाया गया लेकिन निमंत्रण के बाद भी कुछ राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं, आए जो नहीं आए उन्हें बाद में पश्चाताप हुआ और जनता ने बाद में उनको सबक भी सिखा दिया.


उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद पूरा देश एक जुट होकर खड़ा हो गया लेकिन कुछ लोग स्वार्थ बस हिंदू संगठन को कम्युनल भी कहते हैं. दुनिया में हिंदू किसी से नहीं लड़ रहा है लेकिन आप देखेंगे कि आज दुनिया में मुस्लिम मुस्लिम से लड़ रहा है, मुस्लिम क्रिश्चियन से लड़ रहा है क्रिश्चियन-क्रिश्चियन से लड़ रहा है लेकिन हिंदू किसी से नहीं लड रहा है क्योंकि हिंदू पूरी तरह से उदार है.


पहलगाम की घटना पर दिया बयान
उन्होंने कहा कि जो हिंदू की बात सोचेगा वह आतंकवाद की बात नहीं सोचेगा, लेकिन दुर्भाग्य से हिंदू को भी आतंकवाद से जोड़ने की बात की गई. जिन्होंने भी हिंदू को आतंकवाद से जोड़ने का काम किया, उसे भी जनता ने अपने ढंग से जवाब देने का काम किया.


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