बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान पर एक बड़ी बहस हुई. इस चर्चा में एक विशेषज्ञ ने आरोप लगाया कि लगभग 50 फीसदी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि बिहार से पलायन कर चुके लाखों लोग ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में अपना नाम नहीं देख पाएंगे, जिससे उनके नाम सूची से गायब होने की आशंका है. विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि “फॉर्म जमा होने से ये गारंटी नहीं है कि फॉर्म ठीक से भरे हैं और उनके साथ कागजात लगे हैं.” एक राजनीतिक दल के प्रवक्ता ने चुनाव आयोग के इस कदम का समर्थन किया और इसे लोकतंत्र के शुद्धिकरण के लिए आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए हर कदम का मजबूती से समर्थन करती है. बहस में यह सवाल भी उठा कि क्या आम बिहारी के पास मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए आवश्यक 11 दस्तावेज होंगे. चुनाव आयोग ने लगभग 1 लाख बीएलओ और स्वयंसेवकों को नियुक्त किया है. यह भी बताया गया कि स्पेशल समरी रिवीजन का उद्देश्य मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों के नाम, डुप्लीकेट प्रविष्टियों और अवैध आप्रवासियों के नाम हटाना है.
Sandeep Chaudhary: Bihar में वोटर लिस्ट से 50% मतदाताओं के नाम गायब होने की आशंका! Bihar Election
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