SGPC ने 1984 के सिख दंगों पर किताब प्रकाशित की:गोल्डन टेंपल पर हमले के डॉक्यूमेंट भी शामिल, दंगों की तस्वीरें भी

by Carbonmedia
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अमृतसर में एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आज जून 1984 के सिख दंगों पर एक सचित्र ‘घल्लूघारा जून 1984’ किताब प्रकाशित की। यह किताब तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सचखंड श्री हरमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर किए गए सैन्य हमले का दस्तावेजीकरण है। एडवोकेट धामी ने बताया कि सरकार ने सिख रेफरेंस लाइब्रेरी के बहुमूल्य डॉक्यूमेंट और ऐतिहासिक वस्तुओं को भी नुकसान पहुंचाया। हमले के बाद कई दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा। श्रद्धालुओं को श्री दरबार साहिब में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। किताब में शामिल तस्वीरें फोटोग्राफर सतपाल सिंह दानश द्वारा खींची गई हैं। यह किताब शिरोमणि कमेटी कार्यालय, सिख रेफरेंस लाइब्रेरी, श्री दरबार साहिब के सूचना केंद्र और सिख अजायबघर में रखी जाएगी। इसे डिजिटल रूप में भी उपलब्ध कराया जाएगा। एडवोकेट धामी ने कहा कि इस किताब को देखकर सिखों को अपने इतिहास की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस इतिहास की तस्वीरों को देखकर उनके भी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि गोल्डन टेंपल आने वाले सिख ओर अन्य श्रद्धालु इसे देख सकते हैं कार्यक्रम में शिरोमणि कमेटी के जूनियर उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कल्याण, सुरजीत सिंह तुगलवाल, परमजीत सिंह खालसा समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री दरबार साहिब के प्रबंधक भगवंत सिंह धंगेरा और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। 4 जुलाई को होंगे समागम
एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि आजाद भारत में पंजाबी सूबा मोर्चा के दौरान तत्कालीन सरकार द्वारा सचखंड श्री हरमंदिर साहिब पर किए गए हमले की याद में कल 4 जुलाई को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में गुरमत समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में आरंभ किए गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद आयोजित धार्मिक दीवान में ढाडी जत्था संगत के साथ इतिहास साझा करेगा। इस संबंध में बोलते हुए शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि देश की गुलामी के दौरान सरकारों द्वारा अत्याचार किए गए, लेकिन सिखों द्वारा महान बलिदानों के साथ आजाद हुए देश में भी सरकारों ने सिखों को बड़े जख्म दिए हैं। 4 जुलाई 1955 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पंजाबी सूबा मोर्चा के दौरान सिखों की आवाज दबाने के लिए सचखंड श्री हरमंदिर साहिब पर हमला किया था, जो सरकार के दमन का स्पष्ट उदाहरण था। इसे देश कभी नहीं भूल सकता। इसी के तहत शिरोमणि कमेटी हर साल गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हॉल में गुरमत समागम का आयोजन करती है।

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