Shashi Tharoor Controversy: ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की आलोचना सामने आई थी, लेकिन अब कांग्रेस नेतृत्व ने थरूर के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्णय लिया है. पार्टी सूत्रों के अनुसार थरूर के स्पष्टीकरण पोस्ट को वे लोग पर्याप्त मानते हुए विवाद को और न बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके पीछे उनका मुख्य उद्देश्य विवाद को शांत करना और मीडिया फोकस हटाना है.
थरूर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर सफाई पेश करते हुए लिखा कि आलोचकों और ट्रोल्स को मेरे विचारों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का स्वागत है. मेरे पास बेहतर काम हैं. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी अतीत के युद्धों पर नहीं, बल्कि हाल की घटनाओं पर केंद्रित थी. भारत की आतंकवाद के प्रति बदलती रणनीति पर उन्होंने बात की थी और वे अब इस मुद्दे परअधिक समय देना नहीं चाहते है. बता दें कि उन्होंने पनामा में प्रतिनिधिमंडल की बैठक में कहा था कि बीजेपी सरकार ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक किया था. इस पर कांग्रेस पार्टी भड़क गई थी और थरूर के बयान पर विवाद खड़ा हो गया था.
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला का बयान
हालांकि, कांग्रेस और शशि थरूर के बीच मतभेद बढ़ने के बीच गुरुवार (29 मई) को मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि थरूर उसके परिवार हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने यह बयान देकर गलती की है कि पहली बार 2016 में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गई थी. मामले को संभालने की कोशिश करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के नेताओं के बीच कोई मनमुटाव नहीं है. सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शशि थरूर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस परिवार का हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने केवल यह बताकर रिकॉर्ड को सही किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान हमारे सशस्त्र बलों और तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तरफ से आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. इसके लिए पाकिस्तान पर और आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को नियमित रूप से अंजाम दिया गया था.