Shashi Tharoor on VP: जगदीप धनखड़ के बाद देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? शशि थरूर ने दिया ये जवाब

by Carbonmedia
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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन विपक्ष का कहना है कि उन्होंने सिर्फ स्वास्थ्य की वजह से इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि उनसे इस्तीफा मांगा गया था. 
जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 तक था, लेकिन उन्होंने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया. जब कांग्रेस के सांसद शशि थरूर से पूछा गया कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा तो उन्होंने कहा कि  इसका कोई अंदाजा नहीं है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि अगला उपराष्ट्रपति सत्तारूढ़ दल द्वारा नामित किया जाएगा, क्योंकि मतदाताओं की संरचना पहले से ही तय है. थरूर ने यह भी उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार विपक्ष से परामर्श करेगी, लेकिन साथ ही जोड़ा हमें उम्मीद है कि वे विपक्ष से भी परामर्श करेंगे, लेकिन कौन जाने.

#WATCH | Mumbai | On the next Vice President, Congress MP Shashi Tharoor says, “All we know is that it will be somebody whom the ruling party nominates, as we already know the composition of the electorate… We hope they consult the Opposition too, but who knows.” pic.twitter.com/UQ3zznGLbq
— ANI (@ANI) August 2, 2025

जानिए कैसे होता है उपराष्ट्रपति पद का चुनाव? 
भारत का उपराष्ट्रपति एक निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है जिसमें केवल लोकसभा के निर्वाचित सदस्य और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 782 होती है. इसमें लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 240 सदस्य होते हैं. उपराष्ट्रपति जीतने के लिए 391 मत की जरूरत होती है. चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया 7 अगस्त को शुरू होगी. नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त निर्धारित की गई है और 9 सितंबर को परिणाम सामने आएगा.
NDA आसानी से जीत पाएगा उपराष्ट्रपति का चुनाव? 
सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के पास वर्तमान में लोकसभा में 293 सदस्य है और राज्यसभा में  129 सदस्य है. इस तरह से उनके पास कुल 422 वोट वोट है. यह स्पष्ट करता है कि अगर एनडीए एकजुट रहता है, तो उनका नामित उम्मीदवार आसानी से उपराष्ट्रपति पद जीत सकता है. इस गणना के आधार पर शशि थरूर का बयान तर्कसंगत प्रतीत होता है कि यह चुनाव सिर्फ प्रक्रिया मात्र बनकर रह गया है.
जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 
धनखड़ एक मुखर और सक्रिय उपराष्ट्रपति रहे हैं. उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कई महत्वपूर्ण विधेयकों की अध्यक्षता की और कार्यवाही में स्पष्टता और अनुशासन लाने का प्रयास किया. हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान कुछ विवाद भी सामने आए, जैसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के महाभियोग पर सरकार के रुख से असहमति, विपक्ष से तीखे संवाद समेत केंद्र और राष्ट्रपति सचिवालय के साथ संभावित असहमति. उनकी स्वास्थ्य समस्याएं भी गंभीर थीं और हाल ही में उन्हें नैनीताल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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