Shibu Soren Death: झारखंड ने खोया अपना ‘दिशोम गुरु’, जानें- शिबू सोरेन ने कैसे बदली राज्य की राजनीति?

by Carbonmedia
()

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में आखिरी सांसे ली. 
लंबे समय से बीमार चल रहे शिबू सोरेन को ब्रेन स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन का चेहरा रहे शिबू सोरेन के निधन से राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई है. आइए जानते हैं कैसा रहा उनका राजनीतिक इतिहास.
1972 में JMM की स्थापना, 3 बार बने झारखंड के CM
11 जनवरी 1944 को हजारीबाग के नेमरा गांव में जन्मे शिबू सोरेन ने 1970 के दशक में सामाजिक आंदोलन से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की. 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना कर आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई को नई दिशा दी. 
वे 6 बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य बने. 2005, 2008–09 और 2009–10 में वे झारखंड के CM बने, हालांकि पहले कार्यकाल में वे बहुमत साबित नहीं कर सके. 2004 में वे केंद्र में कोयला मंत्री भी बने, लेकिन कानूनी विवादों के चलते इस्तीफा देना पड़ा.
आंदोलन, संघर्ष और विवादों से भरा जीवन
झारखंड को बिहार से अलग करने वाले आंदोलन में उनकी भूमिका निर्णायक रही. ‘धान काटो’ आंदोलन से लेकर महाजनी प्रथा और जंगल संरक्षण तक उन्होंने अनेक जनआंदोलनों का नेतृत्व किया. हालांकि, उनके राजनीतिक जीवन में विवाद भी कम नहीं रहे. 
1975 के चिरुडीह नरसंहार, 1993 के सांसद घूसकांड और 2020 में आय से अधिक संपत्ति की जांच जैसे मामलों ने उन्हें कानूनी पचड़ों में डाला. बावजूद इसके, वे जनता के बीच ‘दिशोम गुरु’ के रूप में लोकप्रिय बने रहे.
आदिवासी अधिकार व पर्यावरण संरक्षण के महानायक रहे शिबू सोरेन
कम उम्र में विवाह करने वाले शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं. सामाजिक न्याय, आदिवासी अधिकार और पर्यावरण संरक्षण के लिए उनका योगदान झारखंड के इतिहास में दर्ज है. 
उनकी जीवनी कई पुस्तकों और दस्तावेजों में संजोई गई है. JMM कार्यकर्ताओं के लिए उनकी ‘लक्ष्मीनिया जीप’ आज भी एक प्रेरणास्रोत है. शिबू सोरेन ने एक ऐसा आंदोलन खड़ा किया, जिसने झारखंड को पहचान दिलाई और उन्हें इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज कर दिया. 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment