Shubhanshu Shukla Mission: लखनऊ में जन्मे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के बुधवार (25 जून 2025) को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर (KSC) से स्पेसएक्स फाल्कन 9-रॉकेट से अंतरिक्ष के लिए रवाना होने से लखनऊ के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया. रॉकेट जैसे ही फ्लोरिडा के आसमान में पहुंचा, लखनऊ के कानपुर रोड स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर ऑडिटोरियम में इस पल को लाइव देख रहे शुक्ला के परिजन भावुक हो गये. हों भी क्यों ना, आखिर 1984 में राकेश शर्मा के बाद 41 साल बाद शुभांशु शुक्ला के रूप में भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी जो हुई है. इस खास मौके पर शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा कि यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि भारत में हर किसी के लिए गर्व का क्षण है. मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती. मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि शुभंशु आपका मिशन सफल हो और आप सुरक्षित हमारे पास वापस आएं.
शुभांशु शुक्ला की बहन ने आगे कहा कि मुझे अच्छा लग रहा है और मैं उम्मीद कर रही हूं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करके जल्द ही हमारे पास लौट आए ताकि मैं उसे एक बार फिर गले लगा सकूं. मेरा भाई कहता है मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. इस दुनिया में आपको कुछ भी आसानी से नहीं मिलता. आज हम जो कुछ भी देख रहे हैं, उसके पीछे बहुत मेहनत है. मैं इस समय अपने भाई के लिए थोड़ी भावुक हूं.
शुभांशु शुक्ला के माता-पिता हुए भावुकशुभांशु शुक्ला के पिता शंभू शुक्ला ने PTI को कहा ‘यह न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे देश के लिए भी एक महान क्षण है. हम इस समय क्या कह सकते हैं, मेरे पास अब शब्द नहीं हैं. मेरा आशीर्वाद हमेशा मेरे बेटे के साथ है. शुभांशु शुक्ला को उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर बधाई देने वाले पोस्टर पूरे लखनऊ में लगे हुए हैं. वहीं सिटी मॉन्टेसरी स्कूल ने ‘व्योमोत्सव’ का आयोजन करके ऑडिटोरियम परिसर को मिनी स्पेस सेंटर में बदल दिया. शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा, ‘इस समय मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है. मैं बहुत खुश हूं. मुझे पता है कि वह सफल होगा. हालांकि मैं एक सफल मिशन के बाद उसके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, लेकिन मुझे यह भी पता है कि धरती पर वापस लौटने के बाद भी उसे हमारे बीच आने में कुछ समय लगेगा.
शुभांशु शुक्ला का करियरसाल 1985 में लखनऊ में जन्मे और सिटी मोंटेसरी स्कूल की अलीगंज शाखा में बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 2006 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए. उन्हें 2019 में भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के लिए चुना गया और बाद में एएक्स-4 के लिए पायलट के रूप में चुना गया. नासा के वरिष्ठ डॉक्टर पैगी व्हिटसन (मिशन कमांडर) और हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शुक्ला का 14-दिवसीय मिशन मानव शरीर क्रिया विज्ञान, पोषण और अंतरिक्ष में बीज अंकुरण सहित क्षेत्रों में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान में योगदान देगा.
Shubhanshu Shukla Mission: भाई स्पेस रवाना हुआ तो शुभांशु शुक्ला की बहन हुई इमोशनल, बोली- ‘मैं एक बार फिर गले लगा सकूं …’
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