Nashik Simhastha Kumbh Mela 2027: नाशिक के त्र्यंबकेश्वर में साल 2027 में आयोजित होने जा रहा है सिंहस्थ कुंभ मेला. इस कुंभ मेले को सफल, सुरक्षित और भक्तों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार (22 जून) को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की.
सीएम फडणवीस और केंद्रीय मंत्री गडकरी के अलावा इस बैठक में राज्य के मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले, गिरीश महाजन, सांसद स्मिता वाघ, विधायक देवयानी फडांडे, विधायक मंगेश चव्हाण सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
सिंहस्थ कुंभ मेला के लिए सड़कों पर होगा खास फोकस- देवेंद्र फडणवीसमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि आगामी कुंभ मेले के लिए नाशिक में सड़क सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कई अहम फैसले लिए गए हैं. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि नाशिक को सिंहस्थ कुंभ मेला 2027 के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को सुरक्षित, सुचारु और यादगार दर्शन बनाने के लिए सड़कों को खास तौर पर तैयार किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आवश्यक सड़कों के डीपीआर को तुरंत तैयार करने और बिना विलंब के फंड उपलब्ध कराने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है.
इन जगहों पर होगी भारी भीड़ की संभावनाउनके मुताबिक, कुंभ मेले के दौरान मुंबई, गुजरात, पालघर, पुणे, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर और धुले जैसे शहरों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए इन मार्गों को मजबूत करने की प्लानिंग बनाई गई है. साथ ही नाशिक रिंग रोड को मंजूरी दी गई है, नाशिक-त्र्यंबकेश्वर रोड को 6 लेन में विस्तारित किया जाएगा और द्वारका सर्कल को दो चरणों में विकसित किया जाएगा, ताकि ट्रैफिक व्यवस्था बाधित न हो.
Simhastha Kumbh Mela 2027: Nashik Set for Major Road UpgradesChaired a detailed review meeting alongside our leader, Hon Union Minister Nitin Gadkari ji, regarding road development works for the ‘Simhastha Kumbh Mela’, to be held in 2027 at Trimbakeshwar (Nashik).To manage… https://t.co/s4wlS4aCwm
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 22, 2025
इन परियोजनाओं को मिली मंजूरीसीएम ने बताया कि बैठक में जिन प्रमुख सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, उनमें शामिल हैं- घोटी–पहिने–त्र्यंबकेश्वर–जव्हार फाटा, द्वारका सर्कल–सिन्नर–नांदूर शिंगोटे–कोल्हार, नाशिक से कसारा, सावली विहीर–शिर्डी–शनीशिंगणापुर फाटा, नाशिक से धुले, त्र्यंबकेश्वर–जव्हार–मानोर, सावली विहीर–मनमाड–मालेगांव, घोटी–सिन्नर–वावी–शिर्डी और शनीशिंगणापुर फाटा–अहिल्यानगर (खरवंडी फाटा). ये सभी परियोजनाएं कुंभ मेले को एक सुगम, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव देने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं.