जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शेष पॉल वैद ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल सैयद आसिम मुनीर की हालिया लंच मीटिंग पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस मुलाकात के पीछे चार संभावित कारणों की चर्चा की और कहा कि ‘कोई भी लंच मुफ्त नहीं होता’.
ट्रंप-मुनीर लंच पर वैद ने उठाए सवाल
वैद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, एक पुरानी कहावत है कि कोई भी लंच मुफ्त नहीं होता. ट्रंप द्वारा पाकिस्तानी सेना प्रमुख को लंच पर बुलाना यूं ही नहीं हो सकता.
उन्होंने बताया कि अतीत में भी पाकिस्तानी सेना प्रमुखों की अमेरिकी राष्ट्रपतियों से मुलाकातें हुई हैं, लेकिन तब वे मुलाकातें तब हुई थीं जब वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति की भूमिका में थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान में जनरल मुनीर के पास कोई राजनीतिक या संवैधानिक पद नहीं है, फिर भी उन्हें राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस आमंत्रित किया.
क्या यह संकेत है किसी बड़े बदलाव का?
वैद ने कहा कि मुनीर का ऐसा विशेष सत्कार संकेत दे सकता है कि कहीं अमेरिका पाकिस्तान की सत्ता में सेना की भूमिका को दोबारा मान्यता देने की कोशिश तो नहीं कर रहा? क्या यह किसी संभावित राजनीतिक बदलाव का संकेत है? उन्होंने इसे पहली संभावित वजह बताया.
ट्रंप के बेटे की पाकिस्तान यात्रा पर भी सवाल
दूसरे संभावित कारण के रूप में वैद ने ट्रंप के बेटे की हालिया पाकिस्तान यात्रा को जोड़ा. उन्होंने कहा, ट्रंप का बेटा क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस से जुड़ा है. कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान गया था. क्या यह मुलाकात कोई निजी या व्यावसायिक उद्देश्य लेकर हुई थी?
अमेरिका को चाहिए पाकिस्तान में एयरबेस
तीसरे कारण के तहत वैद ने एक रणनीतिक आवश्यकता की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका को ईरान पर प्रभाव बनाए रखने के लिए पाकिस्तान में एयरबेस की जरूरत हो सकती है. यह मीटिंग उसी रणनीतिक योजना का हिस्सा हो सकती है.
इमरान खान की जेल और लोकप्रियता भी एक वजह
चौथे कारण के रूप में वैद ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में बंदी और उनकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता को जोड़ा. उन्होंने कहा कि अमेरिका शायद पाकिस्तान के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित है और यह मीटिंग उसी पर केंद्रित रही हो.
ट्रंप का दावा, भारत-पाक युद्ध को मैंने रोका
बुधवार को व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका था. ट्रंप ने दावा किया कि मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध को रोका. मुझे पाकिस्तान से प्यार है और मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं. मैंने कल रात उनसे बात की और हम व्यापार समझौते की ओर बढ़ रहे हैं.
भारत ने मध्यस्थता को किया खारिज
हालांकि, भारत की ओर से इस दावे को सिरे से खारिज किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से फोन पर स्पष्ट कर दिया कि मई में भारत-पाक सैन्य गतिरोध के बाद युद्धविराम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संवाद से हुआ था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.
Trump-Muneer Lunch: जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी का बड़ा बयान, ‘कोई लंच मुफ्त नहीं होता’, गिनाईं ये वजहें
8