Tulsidas Jayanti 2025: आज तुलसीदास जयंती मनाई जा रही है. सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर तुलसीदास जी का जन्म हुआ था. तुलसीदास जी ने हिंदू महाकाव्य महाभारत, हनुमान चालीसा और कई हिंदू धर्म ग्रथों की रचना की. श्राराम के परम भक्त माने जाने वाले तुलसीदास जी को लेकर कहा जाता है कि हनुमाजी की कृपा से उन्हें चित्रकूट घाट पर प्रभु श्रीराम के भी दर्शन भी हुए थे.
तुलसीदासजी का जन्म संवत् 1554 में हुआ था. इनका प्रारंभिक नाम रामबोला था. काशी में शेषसनातनजी के पास रहकर तुलसीदासजी ने वेदों का अध्ययन किया। संवत् 1583 में तुलसीदासजी का विवाह हुआ था. विवाह के कुछ बाद ही उन्होंने घर-परिवार छोड़ दिया औ संत बन गए. तुलसीदास जी के सुविचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं.
तुलसीदास जी के अनमोल विचार
काम क्रोध मद लोभ की जौ लौं मन में खान।
तौ लौं पंडित मूरखौं तुलसी एक समान
मूर्ख और बुद्धिमान में 4 चीजें देखकर अंतर बताया जा सकता है. तुलसीदास जी कहते हैं अगर व्यक्ति के मन में क्रोध, लोभ, काम, लालच और अहंकार जैसी बुराईयां हैं तो मूर्ख और बुद्धिमान एक ही समान होते हैं. फिर चाहे कोई बुद्धिमानी व्यक्ति कितना ही पढ़ा लिखा क्यों न हो ये विकृत्तियां उसे मूर्खों की श्रेणी में ला देती है.
तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर।
सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि।
तुलसीदास जी के अनुसार सुंदरता देखकर न सिर्फ मूर्ख बल्कि चालाक इंसान भी धोखा खा जाता है. मोर दिखने में बहुत सुंदर लगते हैं लेकिन उनका भोजन सांप है इसलिए सुंदरता के आधार पर कभी व्यक्ति पर भरोसा न करें.
आगें कह मृदु बचन बनाई। पाछें अनहित मन कुटिलाई।
जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई।
तुलसीदान जी कहते हैं जो मित्र आपके सामने कोमल वचन बोले लेकिन मन में उसके द्वेष की भावना हो तो ऐसे दोस्त का तुरंत त्याग कर दें. ये आपके जीवन में स्लो पॉइजन की तरह होते हैं.
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