UP: बस्ती में भाई का बड़ा धोखा! फर्जी कागजों से बेच दी पुश्तैनी जमीन, जांच शुरू

by Carbonmedia
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यूपी के बस्ती जनपद में चौंकाने वाला मामला आया है. यहां सगे भाई ने अपनी भाई की जमीन ही धोखे से फर्जी कागजों के आधार पर बेच डाली. मामले का खुलासा होने पर अब पीड़ित ने गुहार लगाई है. फ़िलहाल तहसील प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल डमरूआ जंगल गांव के निवासी निरंकार ने बताया कि उनकी पुस्तैनी भूमि और आवासीय जमीन का एक पंजीकृत वसीयतनामा उनके पिता ने 19 अक्टूबर 2011 को तैयार किया था. वसीयतनामे के मुताबिक संपत्ति का दो-तिहाई हिस्सा निरंकार को और एक-तिहाई हिस्सा उनके भतीजे सुरेश को दिया गया था. उनके भाई जयप्रकाश को पिता ने वसीयत से बाहर रखा था, क्योंकि वह अपनी भाभी के साथ गहने और जेवर लेकर घर से भाग गए थे, जिससे परिवार में तनाव पैदा हुआ था.
विधिवत हो चुका था बंटवारा
वसीयत के मुताबिक निरंकार के पिता और दादी की मृत्यु के बाद संपत्ति का बंटवारा विधिवत रूप से हो गया. लेकिन आरोप है कि जयप्रकाश और सुरेश ने मिलकर 30 मई को फर्जी दस्तावेजों और झूठे गवाही  के आधार पर एक बैनामा तैयार कर निरंकार की जमीन की रजिस्ट्री करा ली. यह जमीन आबादी की है, जिसे सामान्यतः बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. इतना ही नहीं रजिस्ट्री में खेत की फोटो का इस्तेमाल किया गया, जबकि जमीन रिहायशी थी, जोकि पूरी तरह साजिश है.
जालसाजी का खुलासा
पीड़ित निरंकार ने बताया कि उसे इस धोखाधड़ी की जानकारी तब हुई, जब वे अपनी जमीन के दस्तावेजों की जांच के लिए तहसील कार्यालय गए. फर्जी बैनामा और गलत फोटो के आधार पर उनकी जमीन को हड़पने की कोशिश ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया. उन्होंने जिला प्रशासन से शिकायत की और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की. निरंकार का कहना है कि इस जालसाजी से वे और उनका परिवार पूरी तरह टूट गया है.
आरोपियों का पक्ष
उधर जब इस मामले में जयप्रकाश और सुरेश से बात की गई तो दोनों ने दावा किया कि उन्होंने अपने हिस्से की जमीन की रजिस्ट्री कराई है. हालांकि, जब जयप्रकाश से पूछा गया कि उनके नाम पर कोई जमीन थी ही नहीं, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं, सुरेश भी फर्जी फोटो के आधार पर रजिस्ट्री के सवाल पर चुप्पी साध गए.
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हरैया तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय के रजिस्ट्रार जुबेर अहमद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया कि गलत फोटो और दस्तावेजों के आधार पर बैनामा कराया गया है, तो इसकी जांच की जाएगी. साथ ही स्टांप चोरी के मामले में भी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और इसकी गहन जांच चल रही है.

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