UP: महोबा के सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही, जहर खाए मरीज को पिला दिया कोयला, हालत और बिगड़ी

by Carbonmedia
()

UP News:  यूपी में सरकारी अस्पतालों में इलाज में लापरवाही किसी से छिपी नहीं है, लेकिन अब महोबा जिले से सरकारी डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही की खबर सामने आ रही है. यहां एक मरीज को जहर खाने के बाद जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन एक्टिवेटड चारकोल उपलब्ध न होने पर डॉक्टरों ने उसे कोयले का घोल ही पिला दिया. हालत बिगड़ने पर उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.
इतनी बड़ी लापरवाही पर अब अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं. फिलहाल जांच की बात कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक जनपद के कबरई थाना क्षेत्र के गहरा गांव निवासी मंगल प्रजापति का अपनी पत्नी रानी के साथ पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद हो गया था.
विवाद इतना बढ़ा कि मंगल ने आत्महत्या का प्रयास किया. पहले उसने पेड़ से फांसी लगाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहने पर उसने जहरीला पदार्थ खा लिया. हालत बिगड़ने पर परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां इमरजेंसी में तैनात डॉ. दीपक कुमार ने एक्टिवेटड चारकोल न होने पर मंगल को कोयले का घोल पिला दिया.
परिजनों में आक्रोश
काफी देर जब मंगल की हालत में सुधार नहीं हुआ तो परिजन डर गए. उसके साथ आए महेश प्रजापति ने कहा कि यह कैसा इलाज है? जहरीले पदार्थ का असर कम करने के लिए डॉक्टर को दवा देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने कोयला पिलाकर मरीज की जान खतरे में डाल दी. परिजनों ने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है.
डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन का रवैया
उधर जब स्थानीय मीडिया ने इस मामले की जानकारी मांगी तो डॉ. दीपक कुमार ने कोयले के घोल को लाभकारी बताने की कोशिश की, जबकि अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पवन अग्रवाल इस मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. फिलहाल युवक की हालत गंभीर होने के कारण उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है.
बता दें कि एक्टिवेटड चारकोल का प्रयोग शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए किया जाता है. अगर ये उपलब्ध नहीं है तो कोयले का उपयोग हानिकारक है. साथ ही जिले के बड़े सरकारी अस्पताल में एक्टिवेटड चारकोल न होना बड़ी लापरवाही उजागर करता है.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment