UP Politics: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि BJP सरकार द्वारा हर असंवैधानिक काम का समर्थन किये जाने की वजह से ‘प्रभुत्ववादी’ और ‘वर्चस्ववादी’ तत्वों के हौसले बुलंद हैं.
उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को ‘हार्टलेस’ (बेरहम) और ‘अलोकतांत्रिक’ करार दिया. यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दावा किया कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि ढाई हजार लोग ही इस सरकार को चला रहे हैं.
सपा प्रमुख ने इटावा में यादव समाज के कथावाचक का सिर मुंडवाकर अपमानित किये जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दरअसल सरकार का जो मिजाज होता है, समाज की शक्तियों का संचालन भी उसी दृष्टि से होता है.
उनके इस बयान पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने 35 साल पुरानी घटना का जिक्र कर सपा चीफ पर निशाना साधा. सोशल मीडिया साइट एक्स पर डिप्टी सीएम ने लिखा जिन लोगों ने व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य का अपमान किया है उनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है. परंतु 1990 में श्रीराम का नाम लिया तो सपा सरकार ने रामभक्तों पर गोलियाँ चलवाईं. कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों के भजन-कीर्तन तक रोक दिए गए थे. तब न रामभक्ति याद आई, न श्रद्धा की क़द्र. आज श्रीमद्भागवत कथा पर दिखावा कर रहे हैं?
इटावा के कथावाचक मामले में अखिलेश यादव लिया बड़ा फैसला, बुलाया लखनऊ और…
वोटबैंक की राजनीति कर रहे अखिलेश- केशवकेशव ने लिखा कि अखिलेश यादव समाज को बाँटकर वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं. ये भगवान की भक्ति नहीं, सिर्फ़ पाखंड और अवसरवाद है. इनकी कोई भी साज़िश सफल नहीं होगी. गुंडों की संरक्षक सपा 2027 में बनेगी समाप्त वादी पार्टी.
उधर, अखिलेश ने कहा, ‘‘मुझे यह लगता है कि समाज के कुछ लोग ऐसा समझने लगे हैं कि यह सरकार उनके दिल और मन की सरकार है. इसी वजह से वे दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार कर रहे है. सरकार ने कहीं भी यह संदेश देने की कोशिश नहीं की कि कोई इस प्रकार की किसी घटना में शामिल होगा तो उसका अंजाम क्या होगा. यह सारा काम सरकार के संरक्षण में हो रहा है.’’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि BJP राजनीतिक लाभ लेने के लिए घटनाएं को होने देना चाहती है.
अखिलेश ने कहा कि सरकार में बैठे लोग अगर न्याय देने लगें तो बहुत सारी घटनाएं होंगी ही नहीं, लेकिन यह सरकार ‘हार्टलेस’ (बेरहम) और अलोकतांत्रिक है और हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है.
उन्होंने इटावा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग लगातार अन्याय कर रहे हैं तथा प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोग लगातार पीडीए परिवार के लोगों को डरा रहे हैं, धमका रहे हैं, अपमानित कर रहे हैं.
सपा प्रमुख ने कहा कि पीडीए समाज पर बढ़ते हमलों का असली कारण यह है कि वर्चस्ववादियों को लगता है कि उनके पीछे आज BJP की वह सरकार खड़ी है जो सदियों से शक्तिशाली रहे लोगों की सरकार है और वह उन्हें बचा लेगी, लेकिन अब पीडीए समाज की एकता और एकजुटता इसका जवाब डटकर देगी.
अखिलेश ने बिना कोई सदंर्भ दिये दावा किया कि पीडीए समाज पर जुल्म इसलिए हो रहा है कि ढाई हजार लोग ही इस सरकार को चला रहे हैं और इधर-उधर वे ढाई हजार लोग ही खेल खेल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग कथा वाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं.
अखिलेश ने कहा, ‘‘इटावा में ‘कथा वाचन पीडीए अपमान कांड’ कुछ प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोगों की वजह से घटित हुआ है. ये लोग आखिर इतनी ताकत कहां से पा रहे हैं? अगर उन्हें पीडीए समाज के लोगों से इतना ही परहेज है तो वे घोषित कर दें कि परंपरागत रूप से कथा कहने वाले वर्चस्ववादी लोग पीडीए समाज द्वारा दिए गए चढ़ावे, चंदे, दान और दक्षिणा इत्यादि को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर BJP को लगता है कि भागवत या कोई कथा कहने पर एक वर्ग विशेष का ही अधिकार है तो फिर वह इसके लिए भी कानून बनाकर दिखाएं कि पीडीए समाज का कोई भी व्यक्ति कथा वाचन नहीं कर सकता.
अखिलेश ने कहा कि जिस दिन पीडीए समाज ने अपनी कथा अलग से कहनी शुरू कर दी, उस दिन इन परंपरागत शक्तियों का साम्राज्य ढह जाएगा.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि BJP राज में पीडीए समाज को हेय दृष्टि से देखा जाता है. अखिलेश ने कहा कि सच यह है कि जैसे-जैसे पीडीए समाज में चेतना और जागरूकता बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए वर्चस्ववादी लोगों के पीडीए समाज पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं.
सपा प्रमुख ने एक सवाल पर पूरी BJP को ‘हिस्ट्रीशीटर’ करार दिया. अखिलेश ने कहा, ‘‘पूरी BJP हिस्ट्रीशीटर है. आप बताओ कि मुख्यमंत्री ने खुद पर लगी कौन सी धारा वापस ली? उप मुख्यमंत्री ने कौन सी धारा वापस ली? आखिरकार व्यवस्था को खराब किसने किया है? हम न्याय कहां मांगने जाएं? कौशांबी में पाल समाज की एक बेटी के साथ घटना हुई. पुलिस ने उसी के पिता पर इनाम घोषित करके जेल भेज दिया, लेकिन सरकार में बैठे लोग अपने केस वापस ले रहे हैं.’’
यादव ने इटावा की घटना के पीड़ित कथा वाचक और उनके साथियों को शॉल ओढ़ाकर और 21-21 हजार रुपये देकर सम्मानित किया.
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