UP में कांवड़ यात्रा रूट पर नेम प्लेट विवाद: सुप्रीम कोर्ट की रोक से लेकर योगी सरकार की सख्ती तक, जानें- अब तक क्या-क्या हुआ?

by Carbonmedia
()

Kanwar Yatra 2025: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान खानपान और दुकानदारों की पहचान को लेकर जारी सियासी और कानूनी लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने वर्ष 2024 में कांवड़ यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, श्रद्धालुओं की आस्था की सुरक्षा और कथित खाद्य मिलावट रोकने के लिए कई कड़े फैसले किए. वर्ष 2025 में भी कांवड़ यात्रा से पहले यह फैसले लिए गए. कांवड़ यात्रा पर इन फैसलों का सिलसिला साल 2024 से शुरू हुआ जो अब तक जारी है.
आइए आपको बताते हैं कि अभी तक  इस पूरे मामले में क्या-क्या हुआ-
जुलाई 2024- नेम प्लेट लगाने का आदेश18 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाने-पीने की चीजें बेचने वाली सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा. हर दुकानदार को अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर बताने होंगे. सरकार का दावा था कि इस फैसले से आस्था की पवित्रता बनी रहेगी और किसी भी अवांछित गतिविधि- जैसे हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भ्रम फैलाने या खाद्य मिलावट करने पर लगाम लगाई जा सकेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि अगर कोई दुकानदार हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पाद बेचता पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. 
अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद शुरू हो गया स्कैम! सपा ने कहा- अभी कोई धनराशि अभी न डालें
22 जुलाई 2024- सुप्रीम कोर्ट की रोकसरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए कुछ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. 22 जुलाई को देश की सर्वोच्च अदालत ने यूपी सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुकानदार केवल अपने भोजनालयों में परोसे जा रहे भोजन की किस्म का ही प्रदर्शन कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकारों को नोटिस जारी किया और पूछा कि आखिर दुकानदारों की व्यक्तिगत जानकारियां सार्वजनिक करना क्यों जरूरी है. कोर्ट ने इसे निजता के अधिकार से जोड़ते हुए गंभीर चिंता जताई.
सितंबर 2024- रोक के बावजूद आदेश लागूसुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के दो महीने बाद, मुख्यमंत्री योगी ने 24 सितंबर 2024 को एक और आदेश जारी कर दिया. इस बार राज्य भर के सभी रेस्तरां और भोजनालयों के लिए मालिकों, प्रबंधकों और कर्मचारियों के नाम-पते अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना जरूरी किया गया. यही नहीं आदेश में कहा गया कि खाने-पीने में मिलावट की घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस होगा. साथ ही सीसीटीवी अनिवार्य कर दिए गए. रेस्तरां का हर कोने कैमरे की निगरानी में होंगे. यहां शेफ और वेटर को मास्क-ग्लव्स पहनना जरूरी कर दिया गया. साथ ही सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अभियान चलाया गया.
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया कि जूस, दाल, रोटी जैसे खाद्य पदार्थों में मानवीय अपशिष्ट या गंदगी मिलाने की घटनाएं देश के कई हिस्सों में सामने आई हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ‘खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाए ताकि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके.’
जून 2025 में क्या आदेश हुआ?अब 2025 में कावंड़ यात्रा से पहले फिर निर्देश जारी किए गए हैं. कांवड़ यात्रा 11 जुलाई 2025 से शुरू होने से पहले 25 जून को सीएम योगी ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि कांवड़ मार्गों पर खुले में मांसाहारी भोजन की बिक्री पर सख्त रोक रहेगी. सभी विक्रेता अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करेंगे. जुलूस के मार्गों पर प्रतिबंधित जानवरों का प्रवेश रोका जाएगा. खाद्य वस्तुओं की कीमतें तय की जाएंगी ताकि श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली न हो.
यह कोई पहला मौका नहीं है जब कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने सख्ती दिखाई हो. जुलाई 2022 में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था. जुलाई 2023 में खुले में मांस बेचने पर रोक लगी. जुलाई 2024 में नेम प्लेट का आदेश आया जिस पर जमकर सियासत हुई थी. 
2025 में आए आदेश के बाद अभी तक खुलकर किसी ने कुछ नहीं कहा है कि लेकिन यात्रा की तारीख नजदीक आते-आते प्रतिक्रियाओं का सिलसिला फिर शुरू हो सकता है.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment