UP: 8 साल पहले दहला था चित्रकूट, प्रेमिका और चार बच्चों के हत्यारे को फांसी, पत्नी को उम्रकैद

by Carbonmedia
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यूपी के चित्रकूट में 8 साल पहले हुए सनसनीखेज हत्याकांड में अपर सत्र न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. राजापुर थाना क्षेत्र में 2017 में प्रेमिका लालमुनि और उनके चार मासूम बच्चों की गला रेतकर निर्मम हत्या के मामले में आरोपी प्रेमी अवधेश यादव को फांसी और उनकी पत्नी कुसुम कली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने दोनों पर 1 लाख 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.
2017 में राजापुर कस्बे के तालाब में तीन अलग-अलग बोरों में एक महिला और चार नाबालिग बच्चों के शव मिले थे. गांव के चौकीदार की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच में शवों की पहचान गुजरात की रहने वाली लालमुनि और उनके चार बच्चों के रूप में हुई. पुलिस ने पाया कि राजापुर के सिकरी अमान गांव निवासी अवधेश यादव का लालमुनि के साथ प्रेम प्रसंग था. अवधेश गुजरात में काम करने गया था. वहां लालमुनि से अवैध संबंध में था. लालमुनि अपने चार बच्चों के साथ अवधेश के साथ रहने की जिद करने लगी थी.
खौफनाक साजिश और हत्या
अवधेश की पत्नी कुसुम कली को इस रिश्ते की भनक लगी, जिसके बाद उसने पति पर प्रेमिका को छोड़ने का दबाव बनाया. इसके बाद अवधेश ने अपनी प्रेमिका और उनके बच्चों को रास्ते से हटाने की साजिश रची. उसने लालमुनि और उनके चार बच्चों को अपने गांव बुलाया. एक रात सोते समय अवधेश और कुसुम ने सब्जी काटने वाले चाकू से पहले लालमुनि और फिर उनके चार मासूम बच्चों (तीन लड़कियां और एक लड़का) की गला रेतकर हत्या कर दी. शवों को बोरों में भरकर तालाब में अलग-अलग जगह फेंक दिया गया. इस जघन्य कृत्य को अवधेश के एक रिश्तेदार ने देख लिया था, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया.
पुलिस और कोर्ट की कार्रवाई
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. शासकीय अधिवक्ता अजय सिंह ने बताया कि मृतिका का पति सत्या नंद इतना डरा हुआ था कि वह पांच साल तक गवाही देने से डर रहा था. एसपी के निर्देश पर कड़ी सुरक्षा में उसे गवाही के लिए लाया गया. 8 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने अवधेश यादव को फांसी और कुसुम कली को उम्रकैद की सजा सुनाई.
गवाहों और पुलिस की सक्रियता से मिली सजा
शासकीय अधिवक्ता अजय सिंह ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध था. मृतिका के पति को गवाही के लिए लाने में कड़ी मेहनत की गई, जिसके बाद कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. वहीं सह अधिवक्ता सनद मिश्र ने बताया कि पुलिस और अभियोजन पक्ष की मेहनत से पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है. यह फैसला समाज में अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है.

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