उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के लिए इस बार गर्मियों की छुट्टियां नई सौगात लेकर आई हैं. पहली बार, ग्रीष्मकालीन अवकाश में आयोजित हो रहे समर कैंप की ड्यूटी निभाने वाले शिक्षामित्रों को छह-छह हजार रुपये का पारिश्रमिक दिया जाएगा. मुख्यालय से इस संबंध में फरमान जारी हो चुका है, जिसके अनुसार यह राशि केवल उन्हीं शिक्षामित्रों को मिलेगी, जिनकी ड्यूटी समर कैंप में लगाई गई है. यह कदम न सिर्फ शिक्षामित्रों के लिए आर्थिक सहारा बनेगा, बल्कि बच्चों के लिए गर्मियों की छुट्टियों को भी रचनात्मक और रोचक बना देगा.
21 मई से शुरू हुए इन समर कैंपों का आयोजन जूनियर और माध्यमिक विद्यालयों में किया जा रहा है. समर कैंप 10 जून तक चलेंगे. इन कैंपों में कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है. खास बात यह है कि इस बार प्राइमरी स्तर के बच्चों को समर कैंप से अलग रखा गया है, जिससे कार्यक्रम का फोकस विशेष उम्र समूह पर बना रहे. समर कैंप के दौरान शिक्षामित्र बच्चों के लिए योग, विज्ञान प्रोधोगिकी, कार्यशालाओं, रचनात्मक व सांस्कारिक कार्यों जैसी गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे बच्चों की रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिल रहा है.
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बदायूं के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी दी कि लगभग 800 विद्यालयों में समर कैंप की जिम्मेदारी अनुदेशकों और शिक्षामित्रों को सौंपी गई है. जिन विद्यालयों में अनुदेशक नहीं हैं, वहां निकटतम विद्यालय के शिक्षामित्रों को ड्यूटी पर लगाया गया है. यह सुनिश्चित किया गया है कि समर कैंप में किसी भी तरह की कमी न हो और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण गतिविधियां मिलें.
पहली बार ग्रीष्मकालीन अवकाश में शिक्षामित्रों को इस तरह का प्रोत्साहन दिया जा रहा है. शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को इसके लिए 6000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा. मानदेय की राशि सीधे शिक्षामित्रों के बैंक खातों में जमा की जाएगी. इस निर्णय से शिक्षामित्रों के बीच उत्साह है और वे समर कैंप को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. बच्चों के लिए यह समर कैंप एक यादगार अनुभव बन रहा है, जबकि शिक्षामित्रों को उनकी मेहनत का सीधा लाभ मिल रहा है.