पीलीभीत में मदरसे की आड़ में अवैध रूप से ईस्टन पब्लिक स्कूल के नाम से विद्यालय संचालित हो रहा था. घटना का खुलासा उस वक्त हुआ जब पीड़ित अभिभावक को स्कूल के नाम के अलावा मदरसा गुलशने हजरा की टीसी थमा दी गई. डीएम ज्ञानेंद्र सिंह से मामले की शिकायत के बाद अल्पसंख्यक विभाग से लेकर शिक्षा विभाग जांच कर कार्रवाई में जुटा है.
दरअसल, थाना न्यूरिया क्षेत्र के मोहल्ला झारखंड निवासी सलीम अपना एक इंग्लिश मीडियम का स्कूल चलाना चाहते थे लेकिन उन्हें स्कूल की मान्यता नहीं मिली. तब सलीम ने अल्पसंख्यक विभाग से एक मदरसे की मान्यता ली. इसके बाद मदरसे की आड़ में अपने मित्र महेश शर्मा के साथ मिलकर पूर्वी पब्लिक स्कूल के नाम से मदरसे में ही स्कूल संचालित करने लगा.
जांच टीम की गई गठित
बताया गया कि उक्त विद्यालय में बड़ी तादाद में हिंदू बच्चों को दाखिला देकर पढ़ाई शुरू कर दी गई, मगर मामले का खुलासा तब हुआ जब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कि उसके पिता राजेंद्र गुप्ता ने इसकी टीसी कटवा कर दूसरे स्कूल में दाखिले की प्रकिया शुरू की. बच्चों को ईस्टर्न पब्लिक स्कूल के स्थान पर गुलशन-ई-हजरा नाम के मदरसे की टीसी थमा दी गई. फिलहाल छात्र के पिता ने डीएम ज्ञानेंद्र सिंह से की है. डीएम ने जांच टीम गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वही मदरसे की आड़ में संचालित अवैध स्कूलों को लेकर इलाके में हंडकंप मच गया है.
अल्पसंख्यक अधिकारी बोले करेंगे कार्रवाई
अल्पसंख्यक अधिकारी सुरेश मौर्या ने बताया कि जांच की गई जिसमें स्कूल संचालक द्वारा बताया गया कि अल्पसंख्यक विभाग से मदरसे की मान्यता है. नर्सरी क्लास ही चला रहे, ऊपर मदरसा और नीचे विद्यालय संचालित कर रहे है. यदि स्कूल गैर मान्यता प्राप्त है, तो कार्रवाई होगी. इंग्लिश स्कूल नही छोटे बच्चों का नर्सरी प्राइमरी स्कूल संचालन बताया जा रहा है. मदरसे की मान्यता कक्षा 1 से 5 तक ही है.
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UP News: पीलीभीत में मदरसे की आड़ में संचालित हो रहा था स्कूल, बच्चों के परिजनों ने ऐसे किया खुलासा
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