Up News: ‘विद्यालय बंद हो रहे, मदिरालय खुल रहे…’ अखिलेश यादव के करीबी सांसद ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी

by Carbonmedia
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UP News: समाजवादी पार्टी के घोसी से सासंद राजीव राय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य में सरकारी स्कूलों के मर्ज करने और पेयरिंग करने विषय में पत्र में लिखा है और बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के आदेश को रद्द करने की मांग की है.राजीव राय ने सीएम को लिखे पत्र को सोशल मीडिया प्लेट्फॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया भी दी है और लिखा है और सवाल किया है कि योगी जी ये कैसा राम राज्य बना रहे है जिसमें स्कूल बंद हो रहे हैं और वो शराब के अड्डे बन रहे हैं. उन्होंने कहा राज्य में विद्यालय बंद हो रहे हैं और जगह जगह मदिरालय खुल रहे हैं? आपकी ज़िम्मेदारी है कि उत्तर प्रदेश के हर बच्चे को उसके आवास से निकटतम दूरी पर शिक्षा उपलब्ध कराएं, और आपसे अनुरोध हैं कि स्कूलों को मर्जर करने का आदेश तत्काल वापस लें.
पत्र लिखकर स्तिथि से कराया अवगतवहीं लोकसभा सासंद राजीव राय ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों को अन्य विद्यालयों में मर्ज पेयरिंग करने हेतु आदेश निर्गत किया गया है.
उन्होंने आगे लिखा जिन विद्यालयों को मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है उन विद्यालयों में अधिकांशतः गरीब, शोषित, वंचित, पिछड़े एवं सुविधा विहीन तथा आर्थिक रूप से अक्षम बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में जहां सुदूर ग्रामीण अंचल में गरीब बच्चों हेतु प्रत्येक गांव में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय ही शिक्षा ग्रहण करने का एकमात्र जरिया है वहां 50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों को मर्ज करने के नाम पर बंद करने से उस गांव के बच्चों को बिना साधन एवं संसाधन के अन्य विद्यालयों में जा पाना अत्यंत दुष्कर होगा.
सांसद ने सीएम से की ये मांगेराजीव राय ने कहा मर्जर के नाम पर सिर्फ विद्यालयों में ताले नहीं लगाए जा रहे बल्कि बच्चों के भविष्य पर ताले लगाए जा रहे हैं. अपनी मांगे बताता हुए उन्होंने कहा इस मर्जर नीति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए, हर गाँव में RTE Act के अनुसार स्थानीय स्कूल की गारंटी दी जाए.
उन्होंने आगे मांगे करते हुए लिखा कि शिक्षा में निजीकरण और केंद्रीकरण के बजाय जन-भागीदारी और विकेंद्रीकरण को बढ़ावा दिया जाए, शिक्षकों से शिक्षण कार्य से इतर गैर शैक्षणिक कार्य बिल्कुल न कराया जाए, नए शिक्षकों की नियुक्ति की जाए और विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए.

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