उत्तर प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. पंचायत चुनाव को लेकर किए गए नए परिसीमन में 504 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं, जिसके बाद अब ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57695 हो गई है. इसके बाद अब अगले चरण में आरक्षण का काम किया जाना है.
अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियों के चरण में पंचायत पुनर्गठन के बाद अब अगले चरण को लेकर तैयारी की जा रही है जिसमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों समेत अन्य पदों को लेकर आरक्षण किया जाना है. बता दें कि अभी आरक्षण की प्रक्रिया कब शुरू होगी ये तय नहीं हो पाया है. लेकिन, संबंधित विभागीय अधिकारियों ने आरक्षण को लेकर मंथन शुरू कर दिया है.
विभागीय स्तर पर ग्राम पंचायतों की जानकारीसूत्रों की माने तो वार्डों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इसे लेकर आपत्तियां और सुझाव जल्दी ही मांगे जाएंगे. चूंकि पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण निर्धारित करने से पहले पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन होना बाकी है और इसके गठन में और समय लग सकता है. संभावना है कि आरक्षण की प्रक्रिया अक्टूबर माह तक शुरू की जा सकेगी.
आरक्षित सीटों का बदल सकता है भूगोलवर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों का इस बार भूगोल बदल सकता है. सूत्रों के अनुसार इस बार ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एससी के लिए 20.69 प्रतिशत व एससी श्रेणी के लिए 0.56 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी. आरक्षित सीटों में संबंधित वर्ग की महिलाओं के लिए भी 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी.
पंचायती राज विभाग के अधिकारी अगले चरण के लिए मंथन में जुटे हैं. जल्द ही इस पूरी कवायद को जमीन पर उतारे जाने की उम्मीद है. बता दें कि इसे लेकर गांव गांव में टीम बनाई गई है. इस कार्य के पूरा होने के बाद पंचायत चुनावों में इस बार का समीकरण बदला बदला सा दिखाई देने वाला है.
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UP Panchayat Election में कब तक हो जाएगा आरक्षण पर फैसला? बदल सकता है इन सीटों का भूगोल
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