Prayagraj News: यूपी पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा 2022 में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदलने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में गुरुवार को सुनवाई हुई है. इस दौरान पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर वाले आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष सील बंद रिपोर्ट पेश की. यह सुनवाई याचिकाकर्ता श्रवण पांडेय की तरफ दायर की गई याचिका पर हुई है. अदालत में मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी.
यूपी पीसीएस जे 2022 मुख्य परीक्षा को अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया गया है कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है और अंक बदले गए है. अभ्यर्थी श्रवण पांडे की शिकायत पर लोक सेवा आयोग ने स्वत कदम स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कर दिया.
पीएससी की जांच में 50 से अधिक कॉपियों में छेड़छाड़ की पुष्टिलोक सेवा आयोग की जांच में 50 से अधिक कॉपियों के मूल्यांकन के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई थी. 20 दिसंबर 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनियमितताओं की जांच के लिए स्वतंत्र आयोग का गठन किया था. अदालत ने इस केस की जांच के लिए पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को एक स्वतंत्र आयोग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था. कोर्ट ने आयोग से 31 मई 2025 तक रिपोर्ट दाखिल करने का भी अनुरोध किया था. आपको बताते चलें कि कोर्ट ने इन उत्तर पुस्तिकाओं को सील बंद लिफाफे में अदालत में दाखिल करने का भी निर्देश दिया था.
इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को मिले नंबर्स 7 दिसंबर 2024 तक आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी आदेश दिया था. न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की डबल बेंच में हुई मामले की सुनवाई कर रही है. याचिका कर्ता की तरफ से लोक सेवा आयोग के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आपराधिक कार्रवाई किए जाने की भी मांग भी की गई थी.
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UP PCS J: आयोग ने अदालत को सील बंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट 9 जुलाई को करेगा सुनवाई
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