UPPCB के ढांचे को मजबूत करने के लिए कार्य योजना तैयार, जानें योगी सरकार का प्लान

by Carbonmedia
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक नई कार्ययोजना तैयार की गई है. इस योजना के लागू होने से यूपीपीसीबी को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा. प्रदेश सरकार की ओर से तैयार यह प्रस्ताव अब शासन स्तर पर अनुमोदन के लिए प्रक्रियाधीन है.
राजधानी लखनऊ समेत कई बड़े शहरों की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई बार खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है. इसी वजह से सरकार ने यूपीपीसीबी के कामकाज को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने का फैसला लिया है. इस योजना के तहत प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों और प्रमुख औद्योगिक जिलों में यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएंगे. साथ ही, अन्य जिलों में जिला-स्तरीय कार्यालय भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी को और बेहतर बनाया जा सके.
अपशिष्ट के लिए बनाए जाएंगे विशेष सेलइसके अलावा, ठोस अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट, खतरनाक कचरा, ई-वेस्ट और मेडिकल वेस्ट के प्रबंधन के लिए अलग-अलग विशेष सेल बनाए जाएंगे. ये सेल स्थानीय स्तर पर कचरे के सही प्रबंधन को सुनिश्चित करेंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कचरा प्रबंधन सही तरीके से हो तो प्रदूषण का स्तर काफी कम हो सकता है. इसके लिए हर जिले में विशेषज्ञ टीम की तैनाती की जाएगी.
आवेदन शुल्क की पुरानी व्यवस्था में होगा बदलावयूपीपीसीबी की वित्तीय हालत को भी बेहतर बनाने के लिए आवेदन शुल्क की पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा. अभी तक आवेदन शुल्क की 12 श्रेणियां थीं, जिन्हें घटाकर 7 कर दिया जाएगा. यह बदलाव पूंजीगत निवेश और प्रदूषण स्तर को ध्यान में रखकर किया जाएगा. इसका मकसद है कि प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके. इसके अलावा वर्ष 2008 के बाद से आवेदन शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ था. अब नए सिरे से शुल्क तय करने की तैयारी है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) युक्त पोर्टल भी तैयार किया जाएगा. इस पोर्टल के जरिए उद्योग अपनी अनुपालन रिपोर्ट ऑनलाइन जमा कर सकेंगे. साथ ही, उन्हें जरूरी समय पर ई-एलर्ट भी भेजे जाएंगे. एआई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से आख्या की स्वत: जांच और रिपोर्ट अपलोड करने की सुविधा भी मिलेगी. इससे कार्यप्रणाली पारदर्शी और सुलभ होगी.
पर्यावरण प्रबंधन को मिलेगी नई दिशासरकार का कहना है कि इस नई योजना से प्रदेश में पर्यावरण प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी. औद्योगिक इकाइयों का पालन सुनिश्चित होगा और लोग भी प्रदूषण कम करने के उपायों को अपनाएंगे. यूपीपीसीबी की यह नई पहल प्रदेश को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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