लंबी मीटिंग्स में फंसे रहने के कारण या आसपास साफ टॉयलेट न मिलने के कारण कई बार लोग घंटों तक पेशाब रोक कर रखते हैं. यह आदत आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है. बार-बार पेशाब को देर तक रोकना शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. ऐसे आज हम आपको बताते हैं कि यूआईटी से लेकर किडनी डैमेज तक देर तक पेशाब रोकना क्यों खतरनाक हो जाता है.
बार-बार पेशाब रोकना बन सकता है यूआईटी का कारण
पेशाब लंबे समय तक रोकने से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया पर पनपने लगते हैं. इससे यूआईटी का खतरा बढ़ जाता है. वहीं समय पर इलाज न होने से यह संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है. जिससे गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती है.
ब्लैडर की मसल्स हो सकती है कमजोर
बार-बार ज्यादा मात्रा में पेशाब रोकने से ब्लैडर मसल्स खिंच जाती है. लंबे समय तक ऐसा होने से मसल्स कमजोर हो जाती है और पूरी तरह से पेशाब निकलना मुश्किल हो सकता है. इससे पेशाब रुकना, टपकना या बार-बार कैथटर की जरूरत जैसी दिखते सामने आ सकती है.
दर्द, बेचैनी और ध्यान भटकने जैसी समस्याएं
एक सामान्य इंसान के ब्लैडर में लगभग 300 से 500 मिलीमीटर पेशाब स्टोर हो सकता है. इससे ज्यादा भराब होने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी जैसे समस्याएं हो सकती है.
यूरिनरी स्टोन का खतरा
अगर पेशाब लंबे समय तक ब्लैडर में रुका है तो उसमें मौजूद मिनरल्स धीरे-धीरे जमने लगते हैं जो आगे चलकर पथरी का रूप ले सकते हैं. यह आपकी सेहत के लिए और ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
हो सकता है किडनी को स्थाई नुकसान
बार-बार पेशाब न निकलने से यूरिन वापस किडनी की ओर जा सकता है. जिससे लंबे समय में किडनी को स्थायी नुकसान हो सकता है. ऐसे में कुछ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि हर तीन से चार घंटे में जब भी नेचुरल रूप से यूरिन आए तो उसे रोके बिना तुरंत पेशाब जाएं. हालांकि व्यक्ति की उम्र, पानी पीने की मात्रा और ब्लैडर कैपेसिटी के हिसाब से यह समय थोड़ा ऊपर नीचे हो सकता है.
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