वाराणसी में पर्यटन अथवा आर्थिक दृष्टिकोण से नौका संचालन एक प्रमुख व्यवसाय माना जाता है. इस दौरान वाराणसी के करीब 84 घाटों से 2000 से अधिक छोटी बड़ी नाव सुबह से शाम तक हजारों पर्यटकों को नौका विहार कराते हैं.
लेकिन प्रत्येक वर्ष ऐसे समय भी होते हैं जो नाविक परिवार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं. क्योंकि इस दौरान वाराणसी के गंगा नदी में नौका संचालन बढ़ते जलस्तर की वज़ह से पूरी तरह बंद होता है.
इस वजह से ठप रहता है संचालन वाराणसी में गंगा का जलस्तर अपने उच्च स्तर के करीब है. नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वाराणसी जिला प्रशासन के दिशा निर्देश अनुसार इस समय छोटी बड़ी सभी नाव का संचालन बंद है. और ऐसी स्थिति करीब हर वर्ष जुलाई और अगस्त के महीने में देखी जाती है.
इस दौरान नौका संचालन पर निर्भर रहने वाले हजारों नाविक परिवारों की आजीविका सीधे तौर पर प्रभावित होती है. वाराणसी के गंगा घाट पर पिछले कई पीढियों से नौका संचालन का कार्य कर रहें शंभू साहनी ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान बताया कि लगभग हर वर्ष मां गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से करीब 45 दिनों तक वाराणसी के गंगा नदी में नौका संचालन बंद रहता है.
इतने दिन तक बंद रहता है संचालनआगे बातचीत में पता चला कि नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक भी है. लेकिन इससे सीधे तौर पर हजारों नाविक परिवार प्रभावित होता है. करीब 2000 से अधिक संख्या में नाव वाराणसी के गंगा नदी में चलती हैं.
दूर-दराज से आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु उस पर नौका विहार करते हैं. लेकिन नौका संचालन बंद होने की वजह से व्यवसाय पूरी तरह ठप्प हो जाता है. और यह एक दो हफ्ते नहीं करीब डेढ़ महीने की अवधि रहती है.
क्या बोले नाविक?वाराणसी के गंगा नदी में नौका विहार चलाने वाले विजय कुमार बताते हैं कि यह समय आसान नहीं होता है. हमारी पूरी आजीविका नौका संचालन पर ही निर्भर रहती है और करीब 1.5 महीने तक व्यवसाय बंद होने की वजह से बच्चों के पढ़ाई सहित अन्य दैनिक खर्च हमारे प्रभावित होते हैं.
उन्होंने आगे बताया यह परिस्थितियां करीब हर वर्ष ही हमारे सामने आती हैं. हमारे पास सिर्फ स्थिति सामान्य होने की उम्मीद के अलावा और कोई सहारा नहीं रहता. इस अवधि के बीच परिवार पूरी तरह आर्थिक संकट से जूझता है.
Varanasi News: काशी गंगा नदी में इस वजह से ठप रहता है नौका संचालन, नाविक परिवार प्रभावित
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