VIP सूटकेस बनाने वाली कंपनी की 32% हिस्सेदारी बिकी:चैयरमेन दिलीप पिरामल बोले- अगली पीढ़ी बिजनेस चलाना नहीं चाहती; पांच सालों में मार्केट शेयर घटा

by Carbonmedia
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भारत की सबसे बड़ी लगेज कंपनी VIP इंडस्ट्रीज के चेयरमैन दिलीप पिरामल ने कंपनी में अपनी 32% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। 1,763 करोड़ रुपए में यह हिस्सा प्राइवेट इक्विटी फर्म मल्टीपल्स और अन्य निवेशकों को बेचा जाएगा। पिरामल ने बताया कि उनकी अगली पीढ़ी बिजनेस चलाने में रुचि नहीं रखती, जिसके चलते यह कदम उठाना पड़ा। VIP इंडस्ट्रीज 53 साल से सूटकेस और बैग्स बनाने के बिजनेस में है। बीते कई साल तक VIP इंडस्ट्रीज मार्केट लीडर रही है, लेकिन पिछले 5 साल से कंपनी की मार्केट हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है। कंपनी की मार्केट वैल्यू घटकर 6,830 करोड़ रुपए रह गई है। पिरामल बोले- अगली पीढ़ी बिजनेस चलाना नहीं चाहती दिलीप पिरामल ने 53 साल तक VIP इंडस्ट्रीज को लीड किया, जो भारत में सूटकेस और बैग्स का सबसे बड़ा ब्रांड है। लेकिन अब उनकी तीन बेटियां—राधिका, अपर्णा और प्रियदर्शनी बिजनेस में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। पिरामल ने NDTV प्रॉफिट से कहा, हमारा पारिवारिक बिजनेस है, लेकिन अगली पीढ़ी इसे चलाना नहीं चाहती। इसके अलावा, कंपनी पिछले पांच सालों से मार्केट शेयर खो रही है और पिछले साल की चारों तिमाहियों में कंपनी को नुकसान हुआ है। 51.73% से घटकर 19.73% हुई हिस्सेदारी VIP इंडस्ट्रीज की 32% हिस्सेदारी मल्टीपल्स प्राइवेट इक्विटी, आकाश भंसाली और कैरटलेन के फाउंडर मिथुन सचेटी को 1,763 करोड़ रुपए में बेची जा रही है। शेयर की कीमत 388 रुपए रखी गई, जो 11 जुलाई की क्लोजिंग प्राइस से 15% कम है। हिस्सेदारी बिकने के बाद पिरामल परिवार की हिस्सेदारी 51.73% से घटकर 19.73% रह जाएगी। साथ ही, मल्टीपल्स ने SEBI नियमों के तहत 26% और शेयर खरीदने के लिए 1,438 करोड़ रुपए का ओपन ऑफर भी लॉन्च किया है। 38% तक सिमट कंपनी का मार्केट शेयर VIP इंडस्ट्रीज, जो एरिस्टोक्रेट, कार्लटन, स्काईबैग्स और कैप्रेस जैसे ब्रांड्स की मालिक है, कभी भारत में 50% मार्केट शेयर रखती थी। लेकिन अब सैमसोनाइट और सफारी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों से मुकाबले में उसका हिस्सा 38% तक सिमट गया। 2025 में कंपनी का रेवेन्यू 2,169.66 करोड़ रुपए रहा, लेकिन नुकसान बढ़ा। पिरामल ने कहा, कंपनी में मैनेजमेंट की समस्याएं हैं, लेकिन इसका बेस मजबूत है। नया मैनेजमेंट इसे फिर से चमकाएगा। बोर्ड से हटेंगे दिलीप पिरामल दिलीप पिरामल कंपनी के बोर्ड से हट जाएंगे, लेकिन परिवार का एक सदस्य बोर्ड में रहेगा। वे कंपनी में 20% हिस्सेदारी रखेंगे। पिरामल परिवार कंपनी में शेयरहोल्डर के तौर पर बना रहेगा। पिरामल मानते हैं कि VIP के पास ग्लोबल मार्केट में बड़ा मौका है। कंपनी के प्रोडक्ट्स 45 देशों में बिकते हैं और भारत लगेज इंडस्ट्री के लिए अच्छी जगह है। मल्टीपल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर रेणुका रामनाथ ने कहा, हम VIP की विरासत को और मजबूत करेंगे। 1968 में हुई VIP इंडस्ट्रीज की शुरुआत VIP इंडस्ट्रीज की शुरुआत 1968 में हुई। कंपनी ने दशकों तक भारतीय घरों में उपयोग किए जाने वाले सूटकेस बनाया। स्काई बैग्स, कारपरेस जैसे कई पॉपुलर ब्रांड्स बनाए। एक समय पर कंपनी की वैल्यूएशन 10,000 करोड़ रुपए थी जो वर्तमान में घटकर 68,00 करोड़ रह गई है।

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