Voter List Revision: ’25 जुलाई से पहले फॉर्म सबमिट हो जाएंगे’, क्या है चुनाव आयोग की जल्दबाजी की सच्चाई?, abp की ग्राउंड रिपोर्ट में बड़ा खुलासा 

by Carbonmedia
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वोटर लिस्ट पुनर्निरक्षण को लेकर जहां चुनाव आयोग तेजी से काम में जुटी है और आयोग का दावा है की 25 जुलाई के पहले सभी मतगणना पत्र जमा हो जाएंगे. शनिवार की शाम 6:00 बजे तक के रिकॉर्ड के अनुसार 80.11% हम जमा हो चुके हैं. इन दावों के बीच विपक्ष भी लगातार हमला कर रहा है. राहुल गांधी हो, तेजस्वी यादव हो या कोई भी विपक्ष के नेता हो सभी लोग इसके खिलाफ हैं और विपक्ष का यही कहना है कि जो भी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, वह संभव नहीं हैं.
विपक्ष का क्या है आरोप?
विपक्ष का कहना है कि गरीब और दबे कुचले वोटरों को नाम से हटाने की साजिश है, लेकिन चुनाव आयोग काम में दावा कर रही है तो आखिर कैसे हो रहा है. इसकी जानकारी के लिए एबीपी न्यूज ग्राउंड रिपोर्ट से इसका गहन अध्ययन किया और पहले यह जाना कि गणना पत्र कैसा दिखता है और कहां दिक्कत हो रही है. आयोग कैसे समय से पहले काम पूरा करने का दवा कर रहा है. इसे समझने के लिए एबीपी लाइव की टीम ने सोमवार को फतुहां प्रखंड और दनियावां प्रखंड इलाके में भ्रमण किया.
ग्राउंड पर जो देखा गया उसमें नए और अपडेटेड पुनरीक्षण में गणना पत्र में सिर्फ नाम, आधार संख्या और साइन को ही मान्य समझा जा रहा है. यानि जिन 11 दस्तावेजों को अनिवार्य किया गया था, उसे चुनाव आयोग ने खत्म कर दिया है. .ग्राउंड रिपोर्ट के लिए पटना जिले के फतुहा प्रखंड के एक स्कूल पहुंचे, जहां बीएलओ के जरिए गणना पत्र जमा किया जा रहा था. बीएलओ के बूथ पर 1080 वोटर्स का नाम है. बीएलओ के मुताबिक़ 4 जुलाई तक सिर्फ 300 फॉर्म्स बांटे गए.
बीएलओ से ऑन रिकॉर्ड मिली जानकारी के मुताबिक़ पहले 11 दस्तावेज में से किसी एक की मांग की गई, जिससे वोटर्स में कन्फ़्यूज़न हुआ. ये जानकारी बीएलओ ने ऊपर दी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने नया आदेश दिया कि फॉर्म में अगर आधार कार्ड संख्या भर कर दें रहे हैं वोटर्स तो उसे भी मान्यता दी जा रही है.
गणना पत्र में 11 दस्तावेजों की मांग अब नहीं की जा रही है. बीएलओ के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति सिर्फ नाम लिख कर भी दे रहा है, तो उसे मान्य समझ कर बीएलओ जमा करा रहे हैं. इसके लिए कोई रिसीविंग या पावंदी नहीं दिया जा रहा है. बीएलओ ने ये भी कहा कि सिस्टम में दिक्कत की वजह से फॉर्म जो अपलोड हो रहे हैं, उनकी जानकारी भी साफ नहीं आ पा रही है.
बीएलओ ने बताया क्या है ऊपर से आदेश?
वहीं कुछ बीएलओ ने ऑफ रिकॉर्ड बताया कि ऊपर से आदेश है कि वोटर अगर खुद फॉर्म नहीं भरा रहे हैं तो वह उसे फॉर्म को भी खुद लोग नाम पूछ कर भर लें. अगर कोई सिग्नेचर नहीं कर रहा है तो सिग्नेचर भी खुद कर दें. हर हाल में सभी वोटर का फार्म जमा होना अनिवार्य है. हालांकि जो नहीं है उनका फॉर्म अलग से जा रहा है और उसमें लिखा जा रहा है कि वह यहां नहीं रहते हैं या मृत हैं. 
ये भी पढ़ें: ‘सूत्र ही तो सब कुछ है’, पप्पू यादव का तेजस्वी को जवाब, चुनाव आयोग को बताया धृतराष्ट्र

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