बहस में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और मतदाता सूचियों की सत्यनिष्ठा पर चर्चा हुई. एक वक्ता ने CAA के समय मुसलमानों की नागरिकता जाने की बात को गलत बताया और कहा कि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया. उन्होंने बाढ़ प्रभावित सुपौल जैसे इलाकों में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन होने का जिक्र किया. 2020 के चुनाव में दलित आरक्षित सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और NDA की जीत का भी उल्लेख किया गया. तेलंगाना में 2023 के चुनाव से पहले 22 लाख वोटरों को सूची से हटाने और कर्नाटक में 18 लाख वोटरों को हटाने का मुद्दा उठाया गया. जम्मू कश्मीर में तीन साल बाद हुए वोटर रिवीजन पर भी सवाल उठे. वक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया. बहस में विपक्ष ने चुनाव आयोग के निर्णयों पर सवाल उठाए और कहा कि “तानाशाह की पार्टी के प्रवक्ता क्यों करते हैं?” विपक्ष ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष दिखना चाहिए और उनकी चिंताओं को गंभीरता से सुनना चाहिए.
Voter List: Telangana, Karnataka, J&K का उदाहरण दे चुनाव आयोग को विपक्ष ने घेरा! Bihar Election
5