Sheetal Devi Driving Car With Her Feet: शीतल देवी छोटी सी ही उम्र में तीरंदाजी में बड़ा नाम बन गईं हैं. शीतल की उम्र सिर्फ 18 साल की है. इस उम्र में ही वो भारत के लिए इंटरनेशनल लेवल पर कई मेडल जीत चुकी हैं. वह साल 2024 में पेरिस में हुए पैरालंपिक खेल में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. शीतल के दोनों हाथ नहीं हैं. वो तीर छोड़ने के लिए अपने दाहिने पैर, दाहिने कंधे और जबड़े का इस्तेमाल करती हैं. अब वो अपने पैर का इस्तेमाल कर कार भी चला रही हैं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
शीतल का जन्म साल 2007 में हुआ था. उनका जन्म फोकोलेमिया नाम की एक रेयर बीमारी के साथ हुआ था, जिसकी वजह से उनके हाथ का विकास बीच में ही रुक गया था. शीतल ने लेकिन कभी भी इस कंडीशन को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया. शीतल लाखों-करोड़ों लोगों के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं. उन्होंने बताया है कि जब इरादे मजबूत हों तो कोई भी कमी हमें रोक नहीं सकती.
कार चलाने का खुद शेयर किया वीडियो
शीतल ने कार चलाते समय का वीडियो खुद अपने इंस्टाग्राम पर हैंडल पर शेयर किया. उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “कुछ समय के लिए ड्राइवर की सीट पर बैठी हूं. हर पल का आनंद ले रही हूं. नेवर से नेवर.”
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शीतल को मिल चुका है अर्जुन अवॉर्ड
शीतल ने साल 2023 में वर्ल्ड आर्चरी पैरा चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इसके बाद साल 2024 में उन्होंने मिक्स्ड टीम कंपाउंड इवेंट में राकेश कुमार के साथ मिलकर भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. शीतल ने इसी के साथ इतिहास रच दिया था. शीतल पैरालंपिक्स में पदक जीतने वाली सबसे युवा भारतीय बन गईं थी. शीतल ने साल 2023 में एशियन पैरा गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. शीतल देवी को खेल में दिए गए योगदान के लिए साल 2024 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
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