UP News: उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव, कथावाचक और उनके सहयोगियों के साथ बदसलूकी हुई और मारपीट का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि इटावा के ही जनकपुर गांव की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर यह कहकर वायरल होने लगी कि पंकज मिश्रा नाम का ब्राह्मण कथावाचक शराब के नशे में गलत हरकत कर रहा था.
कथावाचक की सच्चाई आई सामने
इस वीडियो में जिस ब्राह्मण कथावाचक को शराब के नशे में बताकर बेरहमी से पीटा गया उसकी सच्चाई अब सामने आई है. यह कथावाचक इटावा के नहीं बल्कि फिरोजाबाद के टुंडला के रहने वाले हैं और उसका नाम पंकज मिश्रा नहीं बल्कि पंकज उपाध्याय हैं. लेकिन इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि वह शराब के नशे में नहीं थे बल्कि मिर्गी के मरीज हैं. दवा खाने के बाद उनकी यह हालत हुई थी.
पंकज को बुरी तरह मारने के बाद जब जसवंत नगर थाने ले जाया गया तब सारी सच्चाई सामने आई. पंकज ने अपने पिता से फोन पर बात करवाई तो पुलिस के सामने भी सच आया कि कथावाचक पंकज उपाध्याय असल में मिर्गी के मरीज हैं.
माता-पिता ने झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कारवाई की मांग
पंकज उपाध्याय पेशे से एक धार्मिक प्रवक्ता हैं और भगवत कथा, हवन, अनुष्ठान कराते हैं. पंकज उपाध्याय ने वृंदावन में कथा वाचकों से धार्मिक शिक्षा प्राप्त की है. माता-पिता का कहना है कि उनके बेटे में कोई बुराई नहीं है. जबकि इटावा में बेवजह इन्हें मारा पीटा गया है. पिता राकेश उपाध्याय ने सरकार से अपील की है कि वीडियो वायरल करने और झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त से सख्त कारवाई की जाए.
गौरतलब है कि 17 जून की घटना के बाद अब तक ना तो यादव पक्ष की ओर से और ना ही पंकज उपाध्याय के परिवार की ओर से कोई एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसी के चलते पुलिस की ओर से अब तक कोई कारवाई नहीं हुई है. फिलहाल पंकज उपाध्याय और उनके माता-पिता मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं और समाज में बदनामी झेल रहे हैं
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