शिक्षा मंत्रालय के एक सर्वे के अनुसार, देश में कक्षा तीन के 47 प्रतिशत बच्चों को दसवीं तक का पहाड़ा नहीं आता है। वहीं, कक्षा छह से आठ तक के करीब 49 प्रतिशत बच्चे ही 10 तक का पहाड़ा जानते हैं। सर्वे में यह भी सामने आया है कि केवल 58 प्रतिशत छात्र ही दो अंकों की संख्याओं को जोड़ और घटा सकते हैं। यह स्थिति देश में शिक्षा के स्तर और स्कूलों में दी जा रही पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है। मध्य प्रदेश के गुना में फतेहगढ़ के CM Rise School की बिल्डिंग में पानी भरने से किताबें, बच्चों की यूनिफॉर्म और लैब का सामान बर्बाद हो गया। बारिश के कारण स्कूल की जर्जर छत से पानी टपक रहा है। मध्य प्रदेश के कटनी में एक पुलिया टूटने के बाद स्कूल में पानी भर गया, जिससे बच्चे और टीचर कई घंटों तक फंसे रहे। उत्तर प्रदेश के महोबा में राजीव नगर प्राथमिक विद्यालय तालाब बन गया, जहां क्लासरूम स्विमिंग पूल जैसे दिख रहे हैं। यह समस्या 2008 से बनी हुई है। मध्य प्रदेश के सागर में भी स्कूल में बाढ़ का पानी भर गया, जिसके बाद बच्चों को ट्रैक्टर और नाव के ज़रिए रेस्क्यू करना पड़ा। इन तस्वीरों को देखकर कहा जा सकता है कि ‘ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो। कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया?’ यह स्थिति उन जिम्मेदार लोगों के लिए एक चुनौती है जिन पर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी है।
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