World Environment Day 2025: पृथ्वी के रक्षक और इंसानों के खास दोस्त हैं पीपल समेत ये 5 पेड़

by Carbonmedia
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World Environment Day 2025: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दुनिया भर में पृथ्वी को हरा-भरा बनाने की आवाज उठ रही है. आम लोगों के साथ ही फिल्म और राजनीतिक जगत के सितारे भी इस खास दिन पर पृथ्वी की हरियाली को लेकर बात करते नजर आए. ऐसे में बता दें कि पीपल, नीम समेत कुछ वृक्ष ऐसे हैं, जो पृथ्वी के रक्षक होने के साथ इंसान के खास दोस्त भी हैं. इनकी पत्तियों के साथ ही जड़, तना, फूल और छाल सभी मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.


पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं ये पेड़


पीपल, नीम, बरगद, पारिजात और अशोक वृक्ष पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं, पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं, छाया प्रदान करते हैं और कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. पीपल ऑक्सीजन का बड़ा स्रोत है, यह हवा को शुद्ध करता है. नीम औषधीय गुणों से भरपूर होता है और कई समस्याओं का इलाज करता है.


बरगद चिलचिलाती धूप में छाया देने के साथ ही मिट्टी को मजबूत करता है. पारिजात के बारे में बता दें कि यह सुंदर और सुगंधित फूल देने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी देता है. यह पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी है. अशोक हरा-भरा, शांति और सुंदरता का प्रतीक है. आमतौर पर यह घरों के बाहर लगे दिखाई देते हैं, जो सुंदरता को बढ़ाते और औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं.


इस वृक्ष के पास महिलाओं की हर समस्या का हल


आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इस वृक्ष के पास महिलाओं की हर समस्या का हल है. अशोक की पत्तियों और छाल से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है. धर्म शास्त्रों में भी अशोक वृक्ष को विशेष महत्व दिया जाता है. मान्यता है कि पवित्र वृक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई थी. वृक्ष की चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पूजा की जाती है. पौराणिक महत्व के अलावा अशोक औषधीय गुणों से भी भरपूर है.


आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि समस्याओं से राहत पाने के लिए अशोक की छाल को भोजन करने के बाद दिन में दो बार गर्म पानी या शहद के साथ चूर्ण के साथ ले सकते हैं. अशोक की छाल खून साफ करती है, जिससे महिलाओं की त्वचा में निखार आता है. अशोक की छाल को चेहरे पर लगाने से मृत त्वचा से छुटकारा मिलता है. रिसर्च बताती है कि अशोक की छाल पीरियड्स में होने वाले तेज दर्द और ऐंठन, सूजन को कम कर देती है. यह बढ़े हुए वात को नियंत्रित करती है और इससे पाचन तंत्र भी मजबूत होता है.


पीपल के वृक्ष में 33 करोड़ देवी-देवता करते हैं निवास 


पीपल की बात करें तो धार्मिक मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में 33 करोड़ देवी-देवता निवास करते हैं. वहीं, सदाबहार पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता के लिहाज से भी बेहद आवश्यक है. पीपल का पेड़ कई तरह के पक्षियों और जीवों के लिए भी घर है. यह पेड़ छाया तो देता ही है, साथ ही दिन के साथ ही रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है, जो प्रदूषण को कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.


पारिजात का वृक्ष देखने में जितना खूबसूरत होता है, उतना ही फायदेमंद भी है. यह वृक्ष पर्यावरण और मानव दोनों के लिए बेहद जरूरी और लाभदायक होता है. पारिजात के वृक्ष को‘ स्वर्ग का वृक्ष’ कहा जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर है. सफेद-नारंगी रंग के फूलों से लदे वृक्ष की छाल, फूलों, पत्तियां कई राहत दिलाने की ताकत के साथ ही ऐसी कई खूबियां हैं,जो आपके लिए बेहद फायदेमंद हैं. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि 42 दिनों तक इसके सेवन से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है. पारिजात के फूलों में पॉलीफेनोल्स, बायोएक्टिव एंजाइम्स पाए जाते हैं, जिनमें सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं. माइग्रेन के साथ ही पारिजात गठिया, मधुमेह और हृदय से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है.


आयुर्वेद में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है हरसिंगार


औषधीय गुणों से भरपूर पारिजात, हरसिंगार या शेफालिका को आयुर्वेद में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है. पारिजात से बने काढ़े को पीकर कई समस्याओं से राहत मिलती है. पारिजात में न केवल माइग्रेन, हड्डियों के दर्द से निजात दिलाने का गुण होता है, बल्कि सर्दी-जुकाम, बुखार के लिए भी यह रामबाण माना जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक, आयुर्वेद में पारिजात का महत्वपूर्ण स्थान है. इसके पत्ते, फूल, छाल औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं.


कड़वा, लेकिन अनगिनत फायदों वाला वृक्ष है नीम. ये न केवल हीटवेव से बचाने में सक्षम हैं, बल्कि गर्मी के दिनों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. टेलर एंड फ्रांसिस में प्रकाशित एक शोध पत्र (जून 2024) में नीम के फूलों की खासियत बताई गई है. अध्ययन नीम के फूलों के औषधीय गुणों की खोज करता है, अन्य पौधों के भागों की तुलना में उनके कम हानिकारक और अधिक लाभदायक होने की क्षमता पर प्रकाश डालता है.


इसमें मधुमेह विरोधी और कैंसर विरोधी गुण भी पाए गए हैं. नीम की पत्तियों और टहनी की तरह फूल को भी आयुर्वेद में बेहद कारगर औषधि का दर्जा प्राप्त है. नीम के छोटे-छोटे फूलों में बड़ी-बड़ी समस्याओं को दूर करने की ताकत है. गर्मी के दिनों में नीम का फूल इंसानों के लिए प्रकृति का तोहफा है. रोजाना इसके सेवन करने से खून साफ होता है, चेहरे पर चमक आती है और दाग-धब्बे, मुहांसों के साथ इंफेक्शन से भी मुक्ति मिलती है. इसमें मौजूद एंटी फंगल गुण, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर के लिए बहुत उपयोगी हैं.

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